जबलपुर। एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. गरीबों का राशन किराना व्यापारियों को ब्लैक में बेचे जाने के मामले में प्रशासनिक अमला हरकत में आया और डोंगर झांसी राशन की दुकान में छापेमारी की. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था.
एसडीएम जेपी यादव और तहसीलदार प्रीति नागेंद्र ने अचानक राशन दुकान का निरीक्षण करते हुए गरीबों को वितरित होने वाले अनाज का हिसाब-किताब देखा और जरूरी दस्तावेजों की जांच की. इस दौरान ग्रामीणों ने लिखित शिकायत देते हुए एसडीएम को बताया कि राशन दुकान की आड़ में गोरखधंधा किया जा रहा है. गरीबों को समय पर राशन ही नसीब नहीं होता हैं.
ग्रामीणों ने एसडीएम से राशन दुकान संचालक को हटाने की मांग की. मालूम हो कि शहपुरा जनपद अंतर्गत आने वाले डोंगर झांसी राशन दुकान का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में महिला सेल्समैन रात के समय किराना व्यापारियों को चना और गेहूं बेचते हुए दिखी. इस वीडियो के वायरल होने के बाद शहपुरा जनपद से लेकर जिला खाद्य विभाग में हड़कंप मच गया था.
सरकारी टैंकर में नहीं रखा जाता कैरोसिन
ग्रामीण सतीश सिंह ने जांच अधिकारियों को बताया कि सरकारी टैंकरों में रखे जाने वाले कैरोसिन को सेल्समैन अपने घरों की टंकियों में रखते हैं और यही टंकी राशन दुकान से उठकर घर पहुंच जाती है. पिछली रात में भी ग्रामीणों को बंटने वाला चना-गेहूं क्षेत्र के व्यापारियों को ब्लैक में बेचा जा रहा था.
गेहूं नमक और चावल मिलता है
ग्रामीण पंचम श्रीपाल ने जांच अधिकारी एसडीएम जेपी यादव और तहसीलदार प्रीति नागेंद्र को बताया कि पिछले दिनों राशन दुकान खुली थी, जिसमें गेहूं चावल और नमक दिया गया, जबकि चना मांगने पर कह दिया गया कि आया ही नहीं.
जांचकर्ता अधिकारी एसडीएम जेपी यादव ने बताया कि डोंगर रांझी राशन दुकान पहुंचकर जांच पड़ताल की गई है. जिसमें पात्रता पर्ची सहित अन्य दस्तावेजों को जांचा गया, रिपोर्ट तैयार करने के बाद कलेक्टर को भेज दी गई है. जिसके बाद महिला सेल्समैन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.