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स्कूलों की सुरक्षा और साफ-सफाई अब निजी हाथों में, स्कूल शिक्षा विभाग का फैसला

प्रदेश के स्कूलों में लगातार घटती सुरक्षा और सुविधाओं के चलते राज्य शिक्षा विभाग नई कवायद करने जा रहा है, इसके तहत विभाग स्कूलों की स्वच्छता और सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने जा रहा है.

स्कूलों की जिम्मेदारी अब निजी हाथों में
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Published : Nov 18, 2019, 5:42 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में टूटे-फूटे सुविधा विहीन भवन और उनमें बने शौचालय के अलावा सुरक्षा के इंतजाम ना होने के कारण लगातार छात्रों की संख्या घटती जा रही है. इससे परेशान शिक्षा विभाग अब नई कवायद करने जा रहा है, जिसमें विभाग ने जबलपुर सहित प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद सरकारी स्कूलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों के हाथों में देने का फैसला किया है.

सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी अब निजी हाथों में

गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद
स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ, परिसर को स्वच्छ रखने का काम भी निजी एजेंसियां संभालेंगी. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया गया है. विभाग के अधिकारियों की मानें तो स्कूलों में कर्मचारियों की कमी और स्कूलों में साफ-सफाई के अभाव में परिसर में गंदगी फैली रहती है, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में टूटे-फूटे सुविधा विहीन भवन और उनमें बने शौचालय के अलावा सुरक्षा के इंतजाम ना होने के कारण लगातार छात्रों की संख्या घटती जा रही है. इससे परेशान शिक्षा विभाग अब नई कवायद करने जा रहा है, जिसमें विभाग ने जबलपुर सहित प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद सरकारी स्कूलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों के हाथों में देने का फैसला किया है.

सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी अब निजी हाथों में

गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद
स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ, परिसर को स्वच्छ रखने का काम भी निजी एजेंसियां संभालेंगी. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया गया है. विभाग के अधिकारियों की मानें तो स्कूलों में कर्मचारियों की कमी और स्कूलों में साफ-सफाई के अभाव में परिसर में गंदगी फैली रहती है, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है.

Intro:जबलपुर
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में टूटे-फूटे सुविधा विहीन शौचालय और सुरक्षा के इंतजाम ना होने के कारण लगातार घटती छात्रों की संख्या से परेशान शिक्षा विभाग अब नई कवायद करने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने जबलपुर सहित प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद सरकारी स्कूलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों के हाथों में देने का फैसला किया है।


Body:स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ साफ-सफाई से लेकर परिजनों को स्वच्छ रखने का काम भी निजी एजेंसियां संभालेगी। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत यह जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपी जाने वाली है।दरअसल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे स्कूलों के रखरखाव और बच्चों की सुरक्षा का काम निजी एजेंसियों से कराने के निर्देश दिए हैं जिन स्कूलों में कर्मचारियों की कमी है या फिर स्कूलों में साफ-सफाई के अभाव में शौचालय और परिसर में गंदगी फैली रहती है।


Conclusion:गंदगी के माहौल के बीच छात्राओं को न केवल शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ रहा है बल्कि मजबूर होकर पढ़ाई भी गंदगी में छात्राए कर रही हों।इन तमाम बातों को देखते हुए सरकारी स्कूलों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने का स्कूल शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है।शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग की इस कवायद से ना केवल स्कूलों की हालात बदलेंगे बल्कि कर्मचारियों की कमी भी पूरी होगी।
बाईट.1-अजय दुबे........ अतिरिक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग, जबलपुर
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