जबलपुर। मध्यप्रदेश के महाकौशल प्रांत का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्धारित कार्यक्रम कोरोना काल के वक्त स्थगित करना पड़ा था. अब देश के विभिन्न हिस्सों में प्रांतवार संघ प्रमुख और वरिष्ठ पदाधिकारियों के तय कार्यक्रम हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जबलपुर पहुंचे हैं. भागवत तीन दिवसीय प्रवास के पहले दिन महाकौशल प्रांत के 10 विभागों के विभाग प्रचारकों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. ये बैठक शुक्रवार दोपहर के बाद प्रारंभ होगी.
भागवत का यह दौरा इसलिए अहम : इसके बाद डॉ. भागवत संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक और पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे. 19 नवंबर को प्रांत के विभिन्न पदाधिकारियों के साथ केशव कुटी में बैठक का दौर प्रारंभ होगा. शाम को शहर के प्रबुद्धजनों के साथ मानस भवन में चर्चा करेंगे. 18 से 20 नवंबर तक कई बैठकों में भागवत हिस्सा लेंगे. भागवत की यह यात्रा महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरएसएस के शताब्दी वर्ष समारोह के लिए केवल दो वर्ष शेष हैं. संघ के महाकौशल प्रांत सहप्रचार प्रमुख प्रशांत बाजपेयी ने कहा कि संगठन की शताब्दी को भव्य तरीके से मनाने की योजना है. शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख संघ के महाकौशल प्रांत के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.
स्वयंसेवकों के परिवारों से मिलेंगे भागवत : महाकौशल क्षेत्र में मध्य मध्य प्रदेश में स्थित जबलपुर और अन्य जिले शामिल हैं. बाजपेयी ने कहा "अगले दिन (शनिवार) भागवत राष्ट्र निर्माण, ग्राम विकास, कृषि और मजदूरों के कल्याण, पर्यावरण और जीवन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में समाज की भूमिका पर बोलेंगे." उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है. रविवार को भागवत आरएसएस के स्वयंसेवकों के परिवार के सदस्यों से मिलेंगे और देश के विकास में परिवार की भूमिका पर बात करेंगे.
संगठन की शक्ति दोगुना करना चाहता है संघ : एक अनुमान के अनुसार आरएसएस के पास लगभग 3,000 प्रचारक (पूर्णकालिक कार्यकर्ता) हैं, जो रक्षा, शिक्षा, श्रमिक संघों और आदिवासी क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में संगठन की विभिन्न शाखाओं में कर्तव्य निभा रहे हैं. आरएसएस के सूत्रों ने कहा कि संघ अंशकालिक स्वयंसेवकों या विस्तारकों को शामिल करके और अपने शताब्दी वर्ष से पहले अपने पदचिह्न का विस्तार करके अपनी संगठन शक्ति को दोगुना करना चाहता है.