जबलपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन की आंच अब मध्यप्रदेश में भी भड़कने लगी है, क्योंकि किसानों के नेता राकेश टिकैत मध्यप्रदेश में दौरा कर रहे हैं. टिकैत के दौरे के के दौरान प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. एक तरफ किसान आंदोलन को कांग्रेस खुलकर समर्थन करने की बात कही है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी इसे कांग्रेस का प्रोपेगेंडा और इस महापंचायत को हाइजैक करने की बता कह रही है.
- कांग्रेस कर रही मुद्दा भुनाने की कोशिश
दरअसल कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं. 15 मार्च को राकेश टिकैत जबलपुर के सिहोरा में किसान महापंचायत को संबोधित करने आ रहे हैं. राकेश टिकैत के आगमन को लेकर एक ओर जहां किसानों में उत्साह है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस मौके को पूरी तरीके से भुनाने में जुटी हुई है. सिहोरा की महापंचायत में शामिल होने वाले अधिकांश नेता कांग्रेस पार्टी से आते हैं. भारतीय किसान यूनियन की इस किसान महापंचायत में राकेश टिकैत कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को जागरूक करेंगे. इसके लिए सिहोरा की कृषि उपज मंडी को चुना गया है. दावा किया जा रहा है कि इस किसान पंचायत में हजारों की तादात में किसान शामिल होंगे.
कृषि कानून: मध्य प्रदेश में हुंकार भरेंगे किसान नेता राकेश टिकैत
- बीजेपी को नहीं है कोई फिक्र
इधर किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन को लेकर बीजेपी बेफिक्र नजर आ रही है. बीजेपी का कहना है कि मध्यप्रदेश का किसान जागरूक है और उसे कृषि कानून के फायदे पता है. यही वजह है कि प्रदेश में अभी तक किसी भी तरह का किसान आंदोलन नहीं हुआ. सांसद राकेश सिंह का कहना है कि किसान पंचायत में किसान कम और राजनीतिक लोग ज्यादा नजर आएंगे. वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि हम किसानों को लेकर राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन इस किसान महापंचायत को कांग्रेस पार्टी खुलकर समर्थन करती है. बल्कि जब टिकैत आएंगे तो वहां बीजेपी की मानसिकता वाले किसान उन्हें सुनने की लिए पहुंचेंगे.