जबलपुर । प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खींचतान शुरु हो गई है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि, जिस क्षेत्र से ज्यादा मंत्री हो उस क्षेत्र का विकास ज्यादा होगा. राकेश सिंह ने कहा कि उनका पुराना अनुभव बताता है कि जबलपुर से एक समय तीन मंत्री रहे, लेकिन विकास की गति वही रही जो सामान्य तौर पर रहती है. प्रदेश में चल रही टाइगर पॉलिटिक्स पर दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए राकेश सिंह का कहना है कि, वे टाइगर का शिकार करते रहे होंगे, लेकिन बीजेपी में हर कार्यकर्ता टाइगर है और यदि वे कार्यकर्ताओं से छेड़छाड़ करेंगे तो परिणाम ठीक नहीं होंगे.
वहीं राकेश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया में आपसी सामंजस्य है, जिस वजह से कोई टकराव नहीं होगा. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की लोकतंत्र बचाओ अभियान पर राकेश सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कमलनाथ लोकतंत्र बचाओ नहीं, बल्कि दोबारा गद्दी पर लौटने की यात्रा निकाल रहे हैं और लोकतंत्र पर खतरा सबसे ज्यादा कांग्रेस की वजह से आया है. इसके साथ ही कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने मंत्रिमंडल विस्तार को असंवैधानिक बतलाया है, जिस पर राकेश सिंह का कहना है कि यदि असंवैधानिक है तो वह चुनौती दे सकते हैं.
दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार से जबलपुर को इस बार मायूसी हाथ लगी है. जबलपुर से एक भी विधायक को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया है. भले ही राकेश सिंह इससे पार्टी की अंदरूनी और मुख्यमंत्री का एकाधिकार कहें, लेकिन जबलपुर को इस तरह से हाशिए पर लाना जबलपुर की लोगों के साथ धोखा है.