जबलपुर। प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले घोषणा की थी, कि वे एक सैटेलाइट सिटी बनाएंगे. कमलनाथ सरकार ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया है. शहर में सैटेलाइट सिटी के लिए जमीन की समस्या हो रही है. पहले जबलपुर की एग्रीकल्चर कॉलेज की खाली पड़ी हुई जमीन पर ये प्रस्ताव रखा गया, लेकिन यूनिवर्सिटी ने जमीन देने से मना कर दिया. अब ये सैटेलाइट सिटी बरगी हिल्स की सिंचाई विभाग की खाली पड़ी हुई जमीन पर बनाई जा रही है. जिसका विरोध शुरू हो गया है. एक सामाजिक संस्था ने प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.
संस्था का कहना है कि, सैटेलाइट सिटी बनाने से मदन महल पहाड़ी का लगभग 900 एकड़ का जंगल बर्बाद हो जाएगा और यहां आवाजाही बढ़ जाएगी. जिससे पर्यावरण नष्ट हो जाएगा.
दरअसल मदन महल की पहाड़ियों से पर्यावरण की दुहाई देकर हाई कोर्ट के आदेश पर हजारों लोगों को पहाड़ियों से विस्थापित किया गया. अब दोबारा इसी पहाड़ी पर एक निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, इस बात पर सामाजिक संस्था को आपत्ति है. संस्था का कहना है कि, वे टाऊनशिप के खिलाफ नहीं हैं, प्रशासन इसे शहर के बाहर बना सकता है. जंगल काटने नष्ट करने की क्या जरुरत है.
ये जमीन जबलपुर के आईटी पार्क से लगी हुई है. फिलहाल जमीन सिंचाई विभाग के पास है. लेकिन इसे जल्द ही नगर निगम के जिम्मे कर दिया जाएगा. इसके बाद यहां लगभग पूरा शहर बनाने की कोशिश की जा रही है. जिसमें मॉल होंगे बड़ी-बड़ी ऊंची इमारतें होंगी. व्यवस्थित पार्किंग होगी. अंडरग्राउंड केबल डाले जा रहे हैं. एक अत्याधुनिक शहर यहां बसाया जाएगा. हालांकि फिलहाल ये योजना केवल 100 एकड़ में ही होगी, बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है.