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'जंगलों को साफ कर सरकार बनाएगी सैटेलाइट सिटी', सामाजिक संस्था ने जताई आपत्ति

जबलपुर में मदन महल पहाड़ी पर सैटेलाइट टाऊनशिप को लेकर सामाजिक संस्थाओं ने विरोध जताया है.

protests against satellite city in jabalpur
सैटेलाइट सिटी का विरोध
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Published : Feb 10, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Feb 10, 2020, 1:12 PM IST

जबलपुर। प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले घोषणा की थी, कि वे एक सैटेलाइट सिटी बनाएंगे. कमलनाथ सरकार ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया है. शहर में सैटेलाइट सिटी के लिए जमीन की समस्या हो रही है. पहले जबलपुर की एग्रीकल्चर कॉलेज की खाली पड़ी हुई जमीन पर ये प्रस्ताव रखा गया, लेकिन यूनिवर्सिटी ने जमीन देने से मना कर दिया. अब ये सैटेलाइट सिटी बरगी हिल्स की सिंचाई विभाग की खाली पड़ी हुई जमीन पर बनाई जा रही है. जिसका विरोध शुरू हो गया है. एक सामाजिक संस्था ने प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.

सैटेलाइट सिटी का विरोध

संस्था का कहना है कि, सैटेलाइट सिटी बनाने से मदन महल पहाड़ी का लगभग 900 एकड़ का जंगल बर्बाद हो जाएगा और यहां आवाजाही बढ़ जाएगी. जिससे पर्यावरण नष्ट हो जाएगा.

दरअसल मदन महल की पहाड़ियों से पर्यावरण की दुहाई देकर हाई कोर्ट के आदेश पर हजारों लोगों को पहाड़ियों से विस्थापित किया गया. अब दोबारा इसी पहाड़ी पर एक निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, इस बात पर सामाजिक संस्था को आपत्ति है. संस्था का कहना है कि, वे टाऊनशिप के खिलाफ नहीं हैं, प्रशासन इसे शहर के बाहर बना सकता है. जंगल काटने नष्ट करने की क्या जरुरत है.

ये जमीन जबलपुर के आईटी पार्क से लगी हुई है. फिलहाल जमीन सिंचाई विभाग के पास है. लेकिन इसे जल्द ही नगर निगम के जिम्मे कर दिया जाएगा. इसके बाद यहां लगभग पूरा शहर बनाने की कोशिश की जा रही है. जिसमें मॉल होंगे बड़ी-बड़ी ऊंची इमारतें होंगी. व्यवस्थित पार्किंग होगी. अंडरग्राउंड केबल डाले जा रहे हैं. एक अत्याधुनिक शहर यहां बसाया जाएगा. हालांकि फिलहाल ये योजना केवल 100 एकड़ में ही होगी, बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है.

जबलपुर। प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले घोषणा की थी, कि वे एक सैटेलाइट सिटी बनाएंगे. कमलनाथ सरकार ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया है. शहर में सैटेलाइट सिटी के लिए जमीन की समस्या हो रही है. पहले जबलपुर की एग्रीकल्चर कॉलेज की खाली पड़ी हुई जमीन पर ये प्रस्ताव रखा गया, लेकिन यूनिवर्सिटी ने जमीन देने से मना कर दिया. अब ये सैटेलाइट सिटी बरगी हिल्स की सिंचाई विभाग की खाली पड़ी हुई जमीन पर बनाई जा रही है. जिसका विरोध शुरू हो गया है. एक सामाजिक संस्था ने प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.

सैटेलाइट सिटी का विरोध

संस्था का कहना है कि, सैटेलाइट सिटी बनाने से मदन महल पहाड़ी का लगभग 900 एकड़ का जंगल बर्बाद हो जाएगा और यहां आवाजाही बढ़ जाएगी. जिससे पर्यावरण नष्ट हो जाएगा.

दरअसल मदन महल की पहाड़ियों से पर्यावरण की दुहाई देकर हाई कोर्ट के आदेश पर हजारों लोगों को पहाड़ियों से विस्थापित किया गया. अब दोबारा इसी पहाड़ी पर एक निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, इस बात पर सामाजिक संस्था को आपत्ति है. संस्था का कहना है कि, वे टाऊनशिप के खिलाफ नहीं हैं, प्रशासन इसे शहर के बाहर बना सकता है. जंगल काटने नष्ट करने की क्या जरुरत है.

ये जमीन जबलपुर के आईटी पार्क से लगी हुई है. फिलहाल जमीन सिंचाई विभाग के पास है. लेकिन इसे जल्द ही नगर निगम के जिम्मे कर दिया जाएगा. इसके बाद यहां लगभग पूरा शहर बनाने की कोशिश की जा रही है. जिसमें मॉल होंगे बड़ी-बड़ी ऊंची इमारतें होंगी. व्यवस्थित पार्किंग होगी. अंडरग्राउंड केबल डाले जा रहे हैं. एक अत्याधुनिक शहर यहां बसाया जाएगा. हालांकि फिलहाल ये योजना केवल 100 एकड़ में ही होगी, बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है.

Intro:जबलपुर मैं मदन महल पहाड़ी से गरीबों को हटाया अब अमीरों को बसाने की कोशिश पहाड़ी पर बनने वाली सैटेलाइट सिटी का समाजसेवी संस्थाओं ने किया विरोध


Body:जबलपुर में राज्य सरकार ने चुनाव के पहले घोषणा की थी कि वे एक सेटेलाइट सिटी बनाएंगे राज्य सरकार ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया जबलपुर में सैटेलाइट सिटी के लिए जमीन की समस्या खड़ी हो रही है पहले जबलपुर की एग्रीकल्चर कॉलेज की खाली पड़ी हुई जमीन पर यह प्रस्ताव रखा गया था लेकिन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने जमीन लेने से मना कर दिया था

अब यह सेटेलाइट सिटी बरगी हिल्स की सिंचाई विभाग की खाली पड़ी हुई जमीन पर बनाई जा रही है यह जमीन जबलपुर की आईटी पार्क से लगी हुई है फिलहाल जमीन सिंचाई विभाग के पास है लेकिन इसे जल्द ही नगर निगम के जिम्मे कर दिया जाएगा इसके बाद यहां लगभग पूरा शहर बनाने की कोशिश की जा रही है जिसमें मॉल होंगे बड़ी बड़ी ऊंची इमारतें होंगी व्यवस्थित पार्किंग होगी अंडरग्राउंड केबल डाले जा रहे हैं एक अत्याधुनिक शहर यहां बसाया जाएगा हालांकि फिलहाल यह योजना केवल 100 एकड़ में ही होगी बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है

लेकिन इस सैटेलाइट सिटी जबलपुर की एक सामाजिक संस्था ने आपत्ति जताई है इस संस्था का कहना है कि इस सेटेलाइट सिटी के बनने से मदन महल पहाड़ी का लगभग 900 एकड़ का जंगल लगभग बर्बाद हो जाएगा और यहां आवाजाही बढ़ जाएगी जिससे पर्यावरण नष्ट हो जाएगा दरअसल मदन महल पहाड़ियों से इसी पर्यावरण की दुहाई देकर हाई कोर्ट के कहने पर हजारों लोगों को पहाड़ियों से अलग किया गया अब दोबारा इसी पहाड़ी पर एक दूसरा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जो अमीरों के लिए है इस बात पर सामाजिक संस्था की आपत्ति है


Conclusion:सैटेलाइट सिटी बनने से जबलपुर के विकास को रफ्तार मिलेगी हालांकि इसमें पर्यावरण का कुछ नुकसान है अब देखना यह है कि यदि मामला कोर्ट जाता है तब राज्य सरकार क्या करेगी
बाइट डॉक्टर पीजी नाज पांडे
बाइट रजत भार्गव सदस्य आम मित्र फाउंडेशन
Last Updated : Feb 10, 2020, 1:12 PM IST
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