जबलपुर। कोरोना संकट के चलते पूरे देश में स्कूल कॉलेज बंद हैं. लेकिन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य ने कर्मचारी और शिक्षकों को कार्यालय आने का फरमान जारी कर दिया है. इस आदेश के प्रति शिक्षकों में खासा आक्रोश है. शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में सरकार के जो आदेश हैं, वो महाविद्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए हैं ना कि शिक्षकों के लिए. बावजूद इसके प्राचार्य महोदय ने HOD को फरमान जारी किया है कि सभी शिक्षकों को बुलवाया जाए, जो की पूरी तरह से गलत है. वहीं कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि सरकार के निर्देश पर ही शिक्षकों को महाविद्यालय में बुलवाया गया है.
प्रदेश में कोरोना का संक्रमण अभी थमा नहीं है. इसके बाद भी शिक्षकों को कॉलेज बुलाया जा रहा है. जिससे शिक्षकों में काफी नाराजगी है. शिक्षक सुनील कुमार का कहना है कि शैक्षणिक संस्थाओं में अगर स्टाफ और शिक्षक आते हैं तो निश्चित रूप से छात्र भी आएंगे. ऐसे में महाविद्यालय में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा हमेशा बना रहेगा.
बहरहाल, प्राचार्य के इस आदेश के बाद शिक्षक और प्रचार्य में ठन गई है. शिक्षक जहां इसे तुगलकी फरमान बता रहे हैं. वहीं प्रचार्य इसे शासन का आदेश बता रहे हैं. हालांकि जब हमने आदेश की कॉपी प्राचार्य से मांगी तो उन्होंने देने से मना कर दिया.