जबलपुर। मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र आने के बाद अधिकारियों द्वारा घर की बाउण्ड्री बॉल तोड़ने का दबाव बनाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल तथा जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए यथास्थिति के आदेश जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. (MP High Court Decision)
मौखिक रूप से बाउंड्री बाल तोड़न का आदेश : रीवा की हनुमना तहसील निवासी सतीष कुमार पांडे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसके घर की बाउण्ड्री बॉल अवैध बताते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की गयी थी. शिकायत पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से कलेक्टर रीवा को पत्र प्राप्त हुआ था. प्रशासनिक अधिकारियों ने 5 मई 2021 को उसे मौखिक रूप से बाउण्ड्री बॉल हटाने निर्देश दिए.
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सीमांकन किये बिना ही तोड़ने के प्रयास : दायर याचिका में कहा गया था कि उक्त कार्रवाई अनावेदक शलीगिराम दुबे की शिकायत पर की गयी है. उसने निजी जमीन पर बाउण्ड्री बॉल बनाई है. सीमांकन किये बिना ही प्रशासनिक अधिकारी बाउण्ड्री बॉल हटाने के लिए दवाब बना रहे हैं. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने पैरवी की।
(MP High Court Decision) (Break boundary wall without demarcation) (High Court stayed and issue notice to officers)