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बिजली गुल कारोबार ठप, त्योहार के सीजन में जनता और व्यापारी परेशान

त्योहार के सीजन से पहले शहरवासियों को सुबह से लेकर दोपहर तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है. बिजली कंपनियां दीपावाली से पहले मेंटेनेंस का काम शुरू करती हैं. जिसके कारण सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक बिजली की सप्लाई बंद रखी जाएगी. वहीं इस कटौती से लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

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Published : Oct 29, 2020, 10:41 AM IST

Power cut due to maintenance
मेंटेनेंस के कारण पावर कट

जबलपुर। त्योहार के सीजन से पहले शहरवासियों को सुबह से दोपहर तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा. बिजली कंपनियां दीपावली से पहले मेंटेनेंस का काम शुरू करती हैं. जिससे सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक बिजली की सप्लाई बंद रहेगी. विद्युत वितरण कंपनी के इंजीनियर बीएस दीक्षित ने बताया कि त्योहार के सीजन को देखते हुए बिजली कंपनी हर साल मेंटेनेस का काम करती हैं, और जब मेंटेनेस चलता है तो बिजली काटनी पड़ती है. इसके लिए पहले मेंटेनेंस किया जा रहा है.

मेंटेनेंस के कारण पॉवर कट

स्थानीय निवासी सोनू मिश्रा का कहना है कि शहर में आए दिन बिजली आंख मिचौली का खेल खेलती रहती है. आम लोग बार-बार बिजली गुल हो जाने से काफी परेशान हैं. युवक सोनू मिश्रा ने बताया कि बिजली कंपनी में दो-तीन बार शिकायत करने के बाद ही बिजली आती है.

Maintenance worker
मेंटेनेंस का काम करता कर्मचारी

बिजली पर ही आधारित है रेडीमेड गारमेंट उद्योग

रेडीमेड गारमेंट के कारोबारी अनुराग जैन ने बताया कि जबलपुर में रेडीमेड गारमेंट की छोटी और बड़ी इकाई मिलाकर करीब एक हजार व्यापारी हैं. उनके मुताबिक 10 हजार से ऊपर मजदूर इन रेडीमेड गारमेंट इकाईयों में काम कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कुछ मजदूर घरों में बैठकर काम कर रहे हैं. इन सब को मिलाकर 15 से 18 हजार के आसपास मजदूर काम कर रहे हैं. बिजली पर डिपेन्डेसी को लेकर अनुराग जैन ने कहा कि आज के दौर में रेडीमेड गारमेंट में सभी अत्याधुनिक मशीनें हैं जो बिजली से चलने वाली हैं. इसके साथ ही पुरानी मशीनों का गारमेंट उद्योग से उपयोग खत्म हो चुका है. उनके मुताबिक जो भी अपडेट मशीनें हैं वो बिजली से चलने वाली मशीनें है. इसके साथ ही पूरा उद्योग बिजली पर आधारित है.

Maintenance worker
मेंटेनेंस का काम करता कर्मचारी

बिजली कटौती से प्रोडक्शन पर पड़ता है बुरा असर

कारोबारी अनुराग जैन के मुताबिक उद्योगों में जो खास समस्या आती है, वो बिजली कटौती को लेकर आती है. उद्योगों के ईकाईयों में बिजली चले जाने से कारीगार परेशान हो जाता है, इसके साथ ही काम पर बुरा असर पड़ता है.

अखबार के माध्यम से दे दी जाती है बिजली कटौती की सूचना

मध्यप्रदेश के पूर्व क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी के इंजीनियर बीएस दीक्षित का कहना है कि त्योहार के सीजने को देखते हुए बिजली कंपनी हर साल मेंटेनेस करता है और जब मेंटेनेस चलता है, तो बिजली काटनी पड़ती है. इंजीनियर का मानना है कि बिजली कटौती करने से पहले रहवासियों को अखबार के मध्याम से सूचित कर दिया जाता है. मेंटेनेस के लिए बिजली कंपनी के ओर से तीन टीमें काम कर रही है, जिसमें लाइन मैन और सब स्टेशनों पर काम किया जाता है.

जबलपुर के अलग-अलग इलाकों में लगभग पांच-पांच घंटे बिजली की सप्लाई बंद रहती है, मानसून के बाद से ही मेंटेनेंस का काम जारी है, कई जगहों पर बिजली के तार खराब हो गए हैं और कई जगहों पर ट्रांसफार्मर बदलने पड़े हैं.

जबलपुर। त्योहार के सीजन से पहले शहरवासियों को सुबह से दोपहर तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा. बिजली कंपनियां दीपावली से पहले मेंटेनेंस का काम शुरू करती हैं. जिससे सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक बिजली की सप्लाई बंद रहेगी. विद्युत वितरण कंपनी के इंजीनियर बीएस दीक्षित ने बताया कि त्योहार के सीजन को देखते हुए बिजली कंपनी हर साल मेंटेनेस का काम करती हैं, और जब मेंटेनेस चलता है तो बिजली काटनी पड़ती है. इसके लिए पहले मेंटेनेंस किया जा रहा है.

मेंटेनेंस के कारण पॉवर कट

स्थानीय निवासी सोनू मिश्रा का कहना है कि शहर में आए दिन बिजली आंख मिचौली का खेल खेलती रहती है. आम लोग बार-बार बिजली गुल हो जाने से काफी परेशान हैं. युवक सोनू मिश्रा ने बताया कि बिजली कंपनी में दो-तीन बार शिकायत करने के बाद ही बिजली आती है.

Maintenance worker
मेंटेनेंस का काम करता कर्मचारी

बिजली पर ही आधारित है रेडीमेड गारमेंट उद्योग

रेडीमेड गारमेंट के कारोबारी अनुराग जैन ने बताया कि जबलपुर में रेडीमेड गारमेंट की छोटी और बड़ी इकाई मिलाकर करीब एक हजार व्यापारी हैं. उनके मुताबिक 10 हजार से ऊपर मजदूर इन रेडीमेड गारमेंट इकाईयों में काम कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कुछ मजदूर घरों में बैठकर काम कर रहे हैं. इन सब को मिलाकर 15 से 18 हजार के आसपास मजदूर काम कर रहे हैं. बिजली पर डिपेन्डेसी को लेकर अनुराग जैन ने कहा कि आज के दौर में रेडीमेड गारमेंट में सभी अत्याधुनिक मशीनें हैं जो बिजली से चलने वाली हैं. इसके साथ ही पुरानी मशीनों का गारमेंट उद्योग से उपयोग खत्म हो चुका है. उनके मुताबिक जो भी अपडेट मशीनें हैं वो बिजली से चलने वाली मशीनें है. इसके साथ ही पूरा उद्योग बिजली पर आधारित है.

Maintenance worker
मेंटेनेंस का काम करता कर्मचारी

बिजली कटौती से प्रोडक्शन पर पड़ता है बुरा असर

कारोबारी अनुराग जैन के मुताबिक उद्योगों में जो खास समस्या आती है, वो बिजली कटौती को लेकर आती है. उद्योगों के ईकाईयों में बिजली चले जाने से कारीगार परेशान हो जाता है, इसके साथ ही काम पर बुरा असर पड़ता है.

अखबार के माध्यम से दे दी जाती है बिजली कटौती की सूचना

मध्यप्रदेश के पूर्व क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी के इंजीनियर बीएस दीक्षित का कहना है कि त्योहार के सीजने को देखते हुए बिजली कंपनी हर साल मेंटेनेस करता है और जब मेंटेनेस चलता है, तो बिजली काटनी पड़ती है. इंजीनियर का मानना है कि बिजली कटौती करने से पहले रहवासियों को अखबार के मध्याम से सूचित कर दिया जाता है. मेंटेनेस के लिए बिजली कंपनी के ओर से तीन टीमें काम कर रही है, जिसमें लाइन मैन और सब स्टेशनों पर काम किया जाता है.

जबलपुर के अलग-अलग इलाकों में लगभग पांच-पांच घंटे बिजली की सप्लाई बंद रहती है, मानसून के बाद से ही मेंटेनेंस का काम जारी है, कई जगहों पर बिजली के तार खराब हो गए हैं और कई जगहों पर ट्रांसफार्मर बदलने पड़े हैं.

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