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चुनाव आते ही विकास कार्य गिनाने लगते हैं नेता, फिर भी एमपी के महानगरों में सबसे पिछड़ा है जबलपुर

लोकसभा चुनाव आते ही नेता अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिनाने लगे हैं. जबलपुर में अपनी जीत पक्की करने के लिए नेताओं में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

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Published : Apr 12, 2019, 6:30 PM IST

जबलपुर। लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं, इसके साथ ही प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में पार्टियों की कैटफाइट भी शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के राजनेता अपने काम गिनाने के साथ-साथ एक-दूसरे पर आरोप भी लगा रहे हैं.

कांग्रेस का दावा, हमने विकास किया सबसे ज्यादा
प्रदेश की सत्ता से 15 साल तक बाहर रही कांग्रेस एक बार फिर सत्ता पर काबिज है. विधानसभा चुनावों 114 के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और सरकार बनाने के बाद कांग्रेस अब लोकसभा चुनावों में बाजी मारना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर ली है. प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, हवाई अड्डा, शास्त्री ब्रिज, टेलीकॉम फैक्ट्री, वेटनरी कॉलेज, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, कछपुरा का ओवर ब्रिज और शहर के बड़े-बड़े गार्डन कांग्रेस ने बनवाए हैं. इसके साथ ही पहली बार जबलपुर में हुई कैबीनेट की बैठक को भी उन्होंने इस सूची में जोड़ लिया है. उनका कहना है कि जबलपुर में विकास कार्यों के लिए दो हजार करोड़ की घोषणा की गई है. इसमें वो कार्य शामिल हैं, जो बीजेपी सरकार के दौरान हाशिए पर थे.

सांसाद राकेश सिंह रैली करते हुए


वित्त मंत्री तरुण भनोट ने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी की सरकार, शहर की मेडिकल यूनिवर्सिटी और वेटरनरी यूनिवर्सिटी को फंड नहीं दे रही थी. कांग्रेस ने दोनों यूनिवर्सिटीस को लगभग 350 करोड़ रूपये का फंड मुहैया करवाया हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि जबलपुर में स्किल सेंटर खोला जा रहा है, समें लगभग 25 हजार लोगों को रोजगार की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने के लिए दो सौ करोड़ रुपये मुहैया करवाए जा रहे हैं. बीते 4 महीनों में जितने काम छिंदवाड़ा में नहीं हुए उससे ज्यादा काम जबलपुर में हुए हैं. प्रदेश के लगभग 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है और अगर किसी को शक है, तो वह उनके कामों को सरकारी दस्तावेजों में चेक कर सकता है.

बीजेपी के बड़े-बड़े दावे, विकास में हम सबसे आगे
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर के विकास में बीजेपी के योगदान के बड़े-बड़े दावे किए हैं. उनका कहना है कि सेंट्रल गवर्नमेंट के सीआरएफ फंड से देश में यदि कहीं सबसे ज्यादा काम हुए हैं, तो वो जबलपुर में हुए हैं. नैरो गेज बीजेपी के कार्यकाल में ही शुरू हो सकी है. वहीं जबलपुर एयरपोर्ट पर चार सौ करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनाने की कोशिश की जा रही है. जबलपुर के बाहर लगभग 40 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जा रही है. साथ ही शहर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाने के लिए टेंडर हो चुका है, जो लगभग साड़े सात सौ करोड़ का है. राकेश सिंह का दावा है कि जबलपुर में आईटी पार्क उनके प्रयासों से ही आया है.


लगातार हाशिए पर रहा है जबलपुर
देश को आजादी मिले सात दशक हो चुके हैं. जब हमें आजादी मिली थी, तब जबलपुर मध्य प्रदेश का सबसे व्यवस्थित और सबसे बड़ा शहर था. यही कारण था कि जबलपुर को राजधानी बनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद लगातार यह शहर विकास के मामले में पिछड़ता गया. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर यहां तक कि छोटा सा शहर छिंदवाड़ा भी विकास के मामले में जबलपुर से कहीं आगे निकल गए. पिछले पंद्रह साल बीजेपी प्रदेश की सत्ता में थी और उससे पहले दस साल कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का शासन था. गलती किसने की ये तो लोकसभा चुनाव के नतीजे देखकर पता लग ही जाएगा. फिलहाल दोनों ही पार्टियां चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े दावे भी कर रही हैं और जनता को लुभाने के लिए वादे भी.

जबलपुर। लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं, इसके साथ ही प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में पार्टियों की कैटफाइट भी शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के राजनेता अपने काम गिनाने के साथ-साथ एक-दूसरे पर आरोप भी लगा रहे हैं.

कांग्रेस का दावा, हमने विकास किया सबसे ज्यादा
प्रदेश की सत्ता से 15 साल तक बाहर रही कांग्रेस एक बार फिर सत्ता पर काबिज है. विधानसभा चुनावों 114 के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और सरकार बनाने के बाद कांग्रेस अब लोकसभा चुनावों में बाजी मारना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर ली है. प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, हवाई अड्डा, शास्त्री ब्रिज, टेलीकॉम फैक्ट्री, वेटनरी कॉलेज, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, कछपुरा का ओवर ब्रिज और शहर के बड़े-बड़े गार्डन कांग्रेस ने बनवाए हैं. इसके साथ ही पहली बार जबलपुर में हुई कैबीनेट की बैठक को भी उन्होंने इस सूची में जोड़ लिया है. उनका कहना है कि जबलपुर में विकास कार्यों के लिए दो हजार करोड़ की घोषणा की गई है. इसमें वो कार्य शामिल हैं, जो बीजेपी सरकार के दौरान हाशिए पर थे.

सांसाद राकेश सिंह रैली करते हुए


वित्त मंत्री तरुण भनोट ने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी की सरकार, शहर की मेडिकल यूनिवर्सिटी और वेटरनरी यूनिवर्सिटी को फंड नहीं दे रही थी. कांग्रेस ने दोनों यूनिवर्सिटीस को लगभग 350 करोड़ रूपये का फंड मुहैया करवाया हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि जबलपुर में स्किल सेंटर खोला जा रहा है, समें लगभग 25 हजार लोगों को रोजगार की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने के लिए दो सौ करोड़ रुपये मुहैया करवाए जा रहे हैं. बीते 4 महीनों में जितने काम छिंदवाड़ा में नहीं हुए उससे ज्यादा काम जबलपुर में हुए हैं. प्रदेश के लगभग 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है और अगर किसी को शक है, तो वह उनके कामों को सरकारी दस्तावेजों में चेक कर सकता है.

बीजेपी के बड़े-बड़े दावे, विकास में हम सबसे आगे
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर के विकास में बीजेपी के योगदान के बड़े-बड़े दावे किए हैं. उनका कहना है कि सेंट्रल गवर्नमेंट के सीआरएफ फंड से देश में यदि कहीं सबसे ज्यादा काम हुए हैं, तो वो जबलपुर में हुए हैं. नैरो गेज बीजेपी के कार्यकाल में ही शुरू हो सकी है. वहीं जबलपुर एयरपोर्ट पर चार सौ करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनाने की कोशिश की जा रही है. जबलपुर के बाहर लगभग 40 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जा रही है. साथ ही शहर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाने के लिए टेंडर हो चुका है, जो लगभग साड़े सात सौ करोड़ का है. राकेश सिंह का दावा है कि जबलपुर में आईटी पार्क उनके प्रयासों से ही आया है.


लगातार हाशिए पर रहा है जबलपुर
देश को आजादी मिले सात दशक हो चुके हैं. जब हमें आजादी मिली थी, तब जबलपुर मध्य प्रदेश का सबसे व्यवस्थित और सबसे बड़ा शहर था. यही कारण था कि जबलपुर को राजधानी बनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद लगातार यह शहर विकास के मामले में पिछड़ता गया. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर यहां तक कि छोटा सा शहर छिंदवाड़ा भी विकास के मामले में जबलपुर से कहीं आगे निकल गए. पिछले पंद्रह साल बीजेपी प्रदेश की सत्ता में थी और उससे पहले दस साल कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का शासन था. गलती किसने की ये तो लोकसभा चुनाव के नतीजे देखकर पता लग ही जाएगा. फिलहाल दोनों ही पार्टियां चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े दावे भी कर रही हैं और जनता को लुभाने के लिए वादे भी.

Intro: पिछड़ेपन के लिए विरोधी जिम्मेदार विकास के सिर्फ हम हैं सरदार
वोट के जरिए जनता सिद्ध करेगी कौन था असरदार


Body:जबलपुर चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और चुनाव का युद्ध चालू हो गया है जबलपुर में दोनों ही पार्टियों की कैटफाइट भी शुरू हो गई है बयानबाजी में दोनों ही पार्टियों के नेता दावा कर रहे हैं जबलपुर शहर के लिए उनकी पार्टी ने सबसे ज्यादा काम किया है और उनकी ही पार्टी थी जिसकी वजह से शहर में विकास हुआ

कांग्रेस के दावे
सबसे पहले हम कांग्रेस के दावों पर नजर डालते हैं कांग्रेस के दावों की फेहरिस्त प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने पेश की तरुण भनोट का कहना है जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर हवाई अड्डा शास्त्री ब्रिज टेलीकॉम फैक्ट्री वेटनरी कॉलेज रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कछपुरा का ओवर ब्रिज शहर के बड़े-बड़े गार्डन कांग्रेस ने बनवाए हैं बीते 3 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान पहली कैबिनेट मीटिंग जबलपुर में हुई और जबलपुर में लगभग दो हजार करोड़ के काम की घोषणा की गई है इसमें वे सब काम शामिल है जो भाजपा सरकार के दौरान हांसीये पर आ गए थे वित्त मंत्री तरुण भनोट ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी और वेटरनरी यूनिवर्सिटी को फंड ही नहीं दे रही थी हमने इन दोनों यूनिवर्सिटी ओं को लगभग 350 करोड़ रूपया मुहैया करवाए हैं वित्त मंत्री का दावा है की जबलपुर में स्किल सेंटर खोला जा रहा है जिसमें लगभग 25000 लोगों को रोजगार की ट्रेनिंग दी जाएगी शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने के लिए 200 करोड़ रुपए मुहैया करवाया जा रहा है वित्त मंत्री का दावा है कि बीते 4 महीने में जितने काम छिंदवाड़ा में नहीं हुए उससे ज्यादा काम जबलपुर में हुए हैं तरुण भनोट का कहना है कि बीते 4 महीने में प्रदेश के लगभग 22लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है यदि किसी को संदेह है तो वह उनके कामों को सरकारी दस्तावेजों में चेक कर सकता है

भारतीय जनता पार्टी के दावे के
दावा राकेश सिंह का भी कमजोर नहीं है राकेश सिंह का कहना है कि सेंट्रल गवर्नमेंट के सीआरएफ फंड से देश में यदि कहीं सबसे ज्यादा काम हुए हैं तो भी जबलपुर में हुए हैं नैरो गेज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में ही शुरू हो सकी है जबलपुर एयरपोर्ट पर 400 करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनाने की कोशिश की जा रही है जबलपुर के बाहर लगभग 40 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जा रही है जबलपुर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं जो लगभग साडे सात सौ करोड़ का है राकेश सिंह का दावा है कि जबलपुर में आईटी पार्क उनके प्रयासों से आया है

लगातार पर चढ़ता गया जबलपुर
जब देश स्वतंत्र हुआ था तब पूरे मध्य प्रदेश का सबसे व्यवस्थित और सबसे बड़ा शहर जबलपुर था इसलिए जबलपुर को राजधानी बनाने की कोशिश की जा रही थी लेकिन स्वतंत्रता के बाद लगातार पर चढ़ता चला गया पहले भोपाल इंदौर ग्वालियर यहां तक कि छोटा सा शहर छिंदवाड़ा भी जबलपुर से विकास के मामले में कहीं आगे निकल गए गलती किसकी है यह जनता को तय करना है





Conclusion:लेकिन ऐसा कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ाई जाते हैं तो फिर इस कैटफाइट का क्या मायना यह बात जरूर है नेताओं की जुबानी जंग से जनता को यह पता लग रहा है कि उनका शहर बहुत पिछड़ा हुआ है और इसकी वजह यह राजनीतिक दल ही है अब इसके लिए कौन जिम्मेदार है इसका पता चुनाव परिणाम देंगे बाइट तरुण भनोट वित्त मंत्री मध्य प्रदेश सरकार बाइट राकेश सिंह भाजपा उम्मीदवार जबलपुर लोक सभा
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