जबलपुर। बिहार से निर्दलीय विधायक अनंत कुमार सिंह के ठिकाने से पुलिस को एके-47 मिली है. जिसके जबलपुर से कनेक्शन होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि जबलपुर से 70 राइफलें बिहार में बेची गई थी. जिसके बाद ये आशंका जताई जा रही है कि बेची गई 70 राइफलों में ही विधायक के पास मिली राइफल भी हो सकती है. हालांकि, इस मामले में प्रशासन ने कुछ भी कहने से इनकार किया है.
बिहार के निर्दलीय विधायक अनंत कुमार सिंह के ठिकाने से एके-47 मिलने के बाद एक बार फिर जबलपुर से एक-47 की तस्करी का मामला सुर्खियों में आ गया है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ये एके-47 राइफल उन्हीं 70 राइफलों में से एक है, जो जबलपुर से बिहार में ले जाकर बेची गई थी. बता दें पिछले साल 29 अगस्त को इमरान नाम का एक शख्स पकड़ाया था, जिसके पास एके-47 मिली थी. जब इमरान से कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने जबलपुर के पुरुषोत्तम रजक नाम के शख्स का नाम लिया था.
पुरुषोत्तम रजक आयुध निर्माण फैक्ट्री में आर्मोर था और अपनी नौकरी के दौरान उसे पुरानी एके-47 राइफल को सुधारने का हुनर आने लगा था. पुरुषोत्तम 2008 में रिटायर हुआ था, लेकिन 2012 में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में उसने AK-47 राइफल बेचने का कारोबार शुरू किया. पुरुषोत्तम ने जबलपुर के आयुध निर्माण फैक्ट्री के स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर से संपर्क किया. जबलपुर की आयुध निर्माण फैक्ट्री में पुलिस और सेना की पुरानी एके-47 राइफल जमा की जाती है. जहां बाद में इन्हें नष्ट कर दिया जाता है. सुरेश ठाकुर इन्हीं खराब राइफलों को पुरुषोत्तम रजक तक पहुंचाता था. पुरुषोत्तम उन्हें ठीक करके इमरान जैसे लोगों के जरिए बेचते थे. पूछताछ में आरोपियों ने 70 राइफल बेचने की बात कबूली थी.
अब तक इस मामले में 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अभी तक गायब हुए पूरे हथियार बरामद नहीं किये जा सके हैं, लिहाजा अनंत कुमार के पास जो हथियार मिले हैं. उसमें संभावना है कि ये बंदूक जबलपुर कि उन्हीं 70 बंदूकों में शामिल हो सकती है. हालांकि, जबलपुर एसपी अमित सिंह ने इस मामले में आधिकारिक बयान नहीं दिया है. एसपी कहना है कि अभी तक उन्हें इस मामले में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी गई है. एसपी अमित सिंह ने जब पुरुषोत्तम रजक और सुरेश ठाकुर को पकड़ा था, तब ये संभावना जताई थी कि ये मामला कई दिनों तक चलेगा.