जबलपुर। खितौला में एक बुजुर्ग संत की हत्या के बाद उसकी लाश को जंगल में दफना दिया गया. आज इस मामले का खुलासा हुआ है. गुरुवार को मौके से ग्रामीण निकले तो उन्हें बदबू आई, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने उस जगह से मिट्टी हटवाई तो पुजारी की लाश बरामद हुई. पुलिस ने शव को पोस्मार्टम के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
खितौला-पान उमरिया रोड पर सरदा के जंगल में बने चौपड़ा धाम के पुजारी पिछले 20 सालों से रह रहे थे. वह बहोरीबंद की सुंदरसी पट्टी के रहने वाले थे. उनकी लाश गुरुवार सुबह मंदिर से करीब पांच मीटर दूर नाली में मिट्टी के नीचे दबी मिली. लाश के नाले में दबे होने के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने उनकी हत्या कर लाश को गड़ा दिया गया था.
भाई ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
30 अप्रैल को अचानक उनका मोबाइल फोन बंद आने पर उनके भाई रामगोपाल यादव चोपड़ा धाम पहुंचे, लेकिन वहां पर महंत का कोई पता नहीं चला. आसपास पता करने पर उनकी कोई जानकारी नहीं लगी. इसके बाद उन्होंने बुधवार को खितौला थाने में महंत की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. महंत के गायब होने और गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद खितौला बाजार पुलिस चोपड़ा धाम पहुंची और आसपास के जंगलों में महंत की खोजबीन शुरू हुई. इसी बीच ग्रामीणों की सूचना पर खोजबीन के दौरान करीब पांच सौ मीटर दूर नाले में एक जगह मिट्टी में बदबू आने पर पुलिस को शक हुआ, जिसके बाद पुलिस ने एसएफएल टीम को जानकारी दी.
बुरी तरह डीकंपोज हो चुकी थी लाश
जबलपुर से पहुंची एफएसएल की टीम ने पुजारी के कमरे और मंदिर के आसपास के आवश्यक नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए हैं. घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में खुदाई के बाद लाश को बाहर निकाला गया. लाश बुरी तरह डीकंपोज हो चुकी थी और उससे तेज बदबू आ रही थी. फिलहाल पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाते हुए मामले को जांच में लिया है.