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कोरोना गाइडलाइन का पालन कराए पुलिस, लेकिन शारीरिक रूप से दंडित नहीं कर सकते : HC

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है. जिसके तहत किसी को भी शारीरिक रूप से दंडित नहीं किया जाएगा.

-corona guidelines says hc
शारीरिक रूप से दंडित नहीं कर सकती पुलिस
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Published : May 29, 2021, 2:48 AM IST

जबलपुर। मास्क नहीं लगाने पर या कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर किसी को भी शारीरिक रूप से दंडित नहीं किया जा सकता है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया. दरअसल कुछ दिन पहले दो पुलिस कॉन्स्टेबल ने एक ऑटो रिक्शा चालक के साथ बुरी तरह मारपीट की थी. मामले में कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिसपर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

दरअसल इंदौर निवासी ओशिन शर्मा की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी. जिसमें परदेसी पुरा थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक महेश प्रजापति और गोपाल जाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. दोनों ही पुलिस आरक्षक ने मास्क नहीं लगाने के पर एक ऑटो रिक्शा चालक की बेरहमी से पिटाई की थी. याचिका में इस संबंध में अखबारों में प्रकाशित खबर का भी हवाला दिया गया था.

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सन्ननो शगुफ्ता खान ने छिंदवाड़ा में पुलिस द्वारा एक युवक की पिटाई तथा इंदौर में एक महिला के साथ अभद्रता किए जाने की भी घटना का उल्लेख किया.जिसके बाद युगल पीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि मास्क नहीं लगाने, लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करने पर किसी को शारीरिक रूप से दंडित नहीं किया जा सकता.

वहीं सुनवाई के बाद ऑटो रिक्शा चालक से मारपीट करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है. युगल पीठ ने इंदौर पुलिस अधीक्षक को दोनों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि आगे से इस तरह की कोई भी घटना सामने न आए.

जबलपुर। मास्क नहीं लगाने पर या कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर किसी को भी शारीरिक रूप से दंडित नहीं किया जा सकता है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया. दरअसल कुछ दिन पहले दो पुलिस कॉन्स्टेबल ने एक ऑटो रिक्शा चालक के साथ बुरी तरह मारपीट की थी. मामले में कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिसपर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

दरअसल इंदौर निवासी ओशिन शर्मा की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी. जिसमें परदेसी पुरा थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक महेश प्रजापति और गोपाल जाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. दोनों ही पुलिस आरक्षक ने मास्क नहीं लगाने के पर एक ऑटो रिक्शा चालक की बेरहमी से पिटाई की थी. याचिका में इस संबंध में अखबारों में प्रकाशित खबर का भी हवाला दिया गया था.

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सन्ननो शगुफ्ता खान ने छिंदवाड़ा में पुलिस द्वारा एक युवक की पिटाई तथा इंदौर में एक महिला के साथ अभद्रता किए जाने की भी घटना का उल्लेख किया.जिसके बाद युगल पीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि मास्क नहीं लगाने, लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करने पर किसी को शारीरिक रूप से दंडित नहीं किया जा सकता.

वहीं सुनवाई के बाद ऑटो रिक्शा चालक से मारपीट करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है. युगल पीठ ने इंदौर पुलिस अधीक्षक को दोनों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि आगे से इस तरह की कोई भी घटना सामने न आए.

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