जबलपुर। कोरोना संक्रमण के कारण मप्र हाई कोर्ट में भौतिक सुनवाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उच्च न्यायालय की विशेष समिति तथा बार एसोसिएशन के चर्चा के बाद चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने सोमवार 15 फरवरी से हाई कोर्ट की मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ में भौतिक सुनवाई शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है. जिसके साथ ही हाईकोर्ट में भौतिक सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.
वर्चुअल हियरिंग के लिए एक दिन पूर्व करना होगा सूचित
हाई कोर्ट के रजिस्टार जनरल आर के वाणी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट में भौतिक सुनवाई शुरू करने के संबंध में उच्च न्यायालय की विशेष कमेटी तथा बार एसोसिएशन से मुख्य न्यायाधीश ने चर्चा की थी. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सोमवार से हाईकोर्ट में भौतिक सुनवाई शुरू करने के आदेश जारी किये हैं. हाई कोर्ट में मानक संचालक प्रक्रिया के तहत भौतिक सुनवाई की अनुमति प्रदान की गई है. भौतिक सुनवाई के अलावा वर्चुअल सुनवाई का विकल्प भी अधिवक्ता के पास रहेगा. वर्चुअल सुनवाई के लिए एक दिन पूर्व दोपहर ढाई बजे तक सूचित करना अनिर्वाय है. इसके अलावा 65 साल पूर्ण कर चुके अधिवक्ताओं को भौतिक सुनवाई में उपस्थिति के लिए रजिस्टार जनरल से अनुमति प्रदान करना होगी.
इसलिए बंद हुई थी भौतिक सुनवाई
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमक की रोकधाम के लिए देश में मार्च 2020 को लागू किये गये लाॅक डाउन के बाद उच्च न्यायालय में भौतिक सुनवाई बंद थी. केन्द्र सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण के जारी गाइडलाइन के आधार पर उच्च न्यायालय ने भौतिक रूप से याचिका तथा दस्तावेज प्रस्तुत करने के अलावा याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के निर्देश समय-समय पर जारी किये थे.