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अवैध कॉलोनियों की नियमितिकरण के खिलाफ HC में याचिका, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

अवैध कॉलोनियों को वैध करने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें कहा गया है कि यह अध्यादेश अवैधानिक है, इस मामले में एक सप्ताह बाद सुनवाई होनी है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Aug 3, 2021, 9:11 PM IST

जबलपुर। अवैध कॉलोनियों की नियमितिकरण के लिए कानून में किये गये संशोधन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, याचिका में कहा गया है कि जारी अध्यादेश अवैधानिक हैं और विधि मान्यता के खिलाफ हैं, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने नगरीय प्रशासन विभाग को याचिका में अनावेदक बनाने के निर्देश जारी किये हैं. याचिका पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है.

अवैध कॉलोनियों को वैध करने के मामले में लगी याचिका

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पी जी नाज पांडे और रजत भार्गव की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण हेतु विगत 20 जुलाई को कानून में संशोधन किया गया है, ऐसे में अवैध कॉलोनियों को बनाने में बढ़ावा मिलेगा और ऐसी कॉलोनियां शहर के मास्टर प्लॉन और सस्टेनेबल विकास के खिलाफ हैं, इससे विकास और पर्यावरण में असंतुलन निर्मित होगा.

रहवासियों को नहीं मिलेगी सुविधा

संशोधन में कॉलोनी के लोगों को मिलने वाली मूलभूत सेवाएं ठीक ढंग से नहीं मिल पाएंगी, रोड,पार्क,नदी और तालाब के किराने बनाई गई, अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, सिर्फ पैसा वसूलकर उनकी कंपाउंडिंग की जाएगी, कॉलोनियों का अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

पंचायत आरक्षण में रोटेशन प्रकिया का नहीं हुआ पालन, हाई कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका

अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने की पैरवी

याचिका में साथ जबलपुर में स्थित तालाब के किनारे बनी अवैध कॉलोनियों की फोटो भी प्रस्तुत की गई है, याचिका में संशोधन को रद्द किए जाने की मांगी की गयी है, याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने निर्देश जारी किए हैं, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी की.

जबलपुर। अवैध कॉलोनियों की नियमितिकरण के लिए कानून में किये गये संशोधन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, याचिका में कहा गया है कि जारी अध्यादेश अवैधानिक हैं और विधि मान्यता के खिलाफ हैं, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने नगरीय प्रशासन विभाग को याचिका में अनावेदक बनाने के निर्देश जारी किये हैं. याचिका पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है.

अवैध कॉलोनियों को वैध करने के मामले में लगी याचिका

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पी जी नाज पांडे और रजत भार्गव की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण हेतु विगत 20 जुलाई को कानून में संशोधन किया गया है, ऐसे में अवैध कॉलोनियों को बनाने में बढ़ावा मिलेगा और ऐसी कॉलोनियां शहर के मास्टर प्लॉन और सस्टेनेबल विकास के खिलाफ हैं, इससे विकास और पर्यावरण में असंतुलन निर्मित होगा.

रहवासियों को नहीं मिलेगी सुविधा

संशोधन में कॉलोनी के लोगों को मिलने वाली मूलभूत सेवाएं ठीक ढंग से नहीं मिल पाएंगी, रोड,पार्क,नदी और तालाब के किराने बनाई गई, अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, सिर्फ पैसा वसूलकर उनकी कंपाउंडिंग की जाएगी, कॉलोनियों का अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

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अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने की पैरवी

याचिका में साथ जबलपुर में स्थित तालाब के किनारे बनी अवैध कॉलोनियों की फोटो भी प्रस्तुत की गई है, याचिका में संशोधन को रद्द किए जाने की मांगी की गयी है, याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने निर्देश जारी किए हैं, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी की.

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