जबलपुर। कोरोना काल में दीवाली के समय पटाका फोड़ना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है, पटाखा फोड़ने से प्रदूषण तो फैलेगा ही साथ ही कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीज या फिर वह लोग जो कि कोरोना वायरस से ठीक होकर वापस घर लौटे हैं, उन लोगों के लिए पटाखों का यह धुआं जहर बन कर सामने आएगा. लिहाजा नागरिक उपभोक्ता मंच ने इन तमाम बातों को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की है कि कोरोना काल के चलते आखिर क्यों न इस दीवाली पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए.
गुरुवार को होगी एनजीटी में सुनवाई
नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्य डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव के द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल में दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल के समय पटाखे फोड़ना अत्यंत ही हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि आम जनता इन पटाखों से निकलने वाले धुंए से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से परेशान होंगे ही पर वह लोगों के लिए यह धुंआ खासा असर करेगा जो कि कोरोना पॉजिटिव हैं या फिर इस बीमारी से ठीक हुए है, याचिका में यह भी दलील दी गई है कि पटाखों का धुआं सीधे फेफड़ों में जाकर असर करेगा, नागरिक उपभोक्ता मंच के द्वारा दायर की गई इस याचिका की सुनवाई गुरुवार को होना तय किया गया है.
एमपी सहित पड़ोसी राज्यों में प्रतिबंध की मांग
नागरिक उपभोक्ता मंच के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में लगाई गई, इस याचिका में कहा गया है कि दीवाली के समय पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी लगाना चाहिए, फिलहाल दीपावली के समय पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की याचिका गुरुवार को होना है, अब देखना यह होगा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट क्या फैसला पटाखों के प्रतिबंध को लेकर सुनाती है.