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हाइकोर्ट में याचिका दायर, कोरोना मरीजों के नाम सार्वजनिक करने की मांग

सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना के मरीजों के नाम सार्वजनिक न करने के आदेश के बाद शुक्रवार को हाइकोर्ट मे एक याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा कि गया कि सतर्कता की दृष्टि से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है.

Name of corona patients should be made public with caution in jabalpur
हाइकोर्ट में याचिका दायर
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Published : May 22, 2020, 10:47 PM IST

जबलपुर। सतर्कता की दृष्टि से कोरोना मरीजों के नाम सार्वजनिक किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश के बाद कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन सतर्कता की दृष्टि से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है.

दरअसल कोरोना वायरस के मरीजों के नाम उजागर न करने के सरकार ने आदेश जारी किए थे. जिसके चलते नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉक्टर पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने एक याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हाल में ही एक आदेश जारी किया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाने के नियम का सख्ती से पालन किया जाए. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन सतर्कता की दृष्टि से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है.

उपाध्याय ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक होने के कारण उसके संपर्क में आए व्यक्ति भी खुद अपना और परिजनों के प्रति सतर्क रहेंगे. वह इस बात का ध्यान रखेंगे कि लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाएं. इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाना भी उसके साथ भेदभाव है. वह सिर्फ एक बीमारी से पीड़ित है, उसने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया है जिससे उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाए. सिर्फ बीमारी से पीड़ित होने के कारण उसकी पहचान छुपाना न्याय संगत नहीं है.

जबलपुर। सतर्कता की दृष्टि से कोरोना मरीजों के नाम सार्वजनिक किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश के बाद कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन सतर्कता की दृष्टि से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है.

दरअसल कोरोना वायरस के मरीजों के नाम उजागर न करने के सरकार ने आदेश जारी किए थे. जिसके चलते नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉक्टर पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने एक याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हाल में ही एक आदेश जारी किया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाने के नियम का सख्ती से पालन किया जाए. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन सतर्कता की दृष्टि से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के नाम सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है.

उपाध्याय ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक होने के कारण उसके संपर्क में आए व्यक्ति भी खुद अपना और परिजनों के प्रति सतर्क रहेंगे. वह इस बात का ध्यान रखेंगे कि लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाएं. इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाना भी उसके साथ भेदभाव है. वह सिर्फ एक बीमारी से पीड़ित है, उसने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया है जिससे उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाए. सिर्फ बीमारी से पीड़ित होने के कारण उसकी पहचान छुपाना न्याय संगत नहीं है.

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