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सरकारी फाॅर्म में थर्ड जेंडर के विकल्प की मांग, HC ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब - third gender option

सरकारी फॉर्म (Government Form) में थर्ड जेंडर (Third Gender) का विकल्प होने की मांग पर हाई कोर्ट (High Court) में सुनवाई हुई है. जिसपर कोर्ट अनावेदकों को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा है.

demanding option of third gender in the government form
सरकारी फाॅर्म में थर्ड जेंडर के विकल्प की मांग
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Published : Jun 23, 2021, 8:15 PM IST

जबलपुर। सरकारी फाॅर्म (Government Form) में थर्ड जेंडर (Third Gender) के ऑप्शन होने की मांग को लेकर हाई कोर्ट (High Court) में जनहित याचिका दायर (PIL filed) की गई थी. जिसपर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान अनावेदकों को नोटिस (Notice) जारी कर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है.

थर्ड जेंडर नूरी की तरफ से यह जनहित याचिका लगाई गई थी. याचिका (Petition) में कहा गया कि सरकारी फॉर्म में थर्ड जेंडर के लिए ऑप्शन नहीं होने के कारण वह कई सरकारी योजनाओं (Government Schemes) से वंचित रह जाते हैं. कोरोनाकाल में राशन कार्ड (Ration Card) नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को पीडीएस (PDS) योजना के तहत राशन भी नहीं मिला. इसके अलावा उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है.

इंजीनियर्स की संविदा नियुक्ति को HC में चुनौती, नए इंजीनियर्स को मौका देने की मांग

याचिका में कहा गया कि थर्ड जेंडर दो श्रेणी में होते हैं. एक जो बधाई मांगते है और दूसरे जो काम कर अपना जीवन-यापन करते हैं. बधाई मांगने वालों की आर्थिक स्थिति बेहतर रहती है, लेकिन जो लोग काम कर जीवन-यापन करते हैं उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. परिवार द्वारा भी कई बार थर्ड जेंडर को त्याग दिया जाता है.

इस संबंध में पूर्व में दायर याचिका का निराकरण करते हुए संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिए गए थे. अभ्यावेदन पेश करने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है. वहीं याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर। सरकारी फाॅर्म (Government Form) में थर्ड जेंडर (Third Gender) के ऑप्शन होने की मांग को लेकर हाई कोर्ट (High Court) में जनहित याचिका दायर (PIL filed) की गई थी. जिसपर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान अनावेदकों को नोटिस (Notice) जारी कर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है.

थर्ड जेंडर नूरी की तरफ से यह जनहित याचिका लगाई गई थी. याचिका (Petition) में कहा गया कि सरकारी फॉर्म में थर्ड जेंडर के लिए ऑप्शन नहीं होने के कारण वह कई सरकारी योजनाओं (Government Schemes) से वंचित रह जाते हैं. कोरोनाकाल में राशन कार्ड (Ration Card) नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को पीडीएस (PDS) योजना के तहत राशन भी नहीं मिला. इसके अलावा उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है.

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याचिका में कहा गया कि थर्ड जेंडर दो श्रेणी में होते हैं. एक जो बधाई मांगते है और दूसरे जो काम कर अपना जीवन-यापन करते हैं. बधाई मांगने वालों की आर्थिक स्थिति बेहतर रहती है, लेकिन जो लोग काम कर जीवन-यापन करते हैं उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. परिवार द्वारा भी कई बार थर्ड जेंडर को त्याग दिया जाता है.

इस संबंध में पूर्व में दायर याचिका का निराकरण करते हुए संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिए गए थे. अभ्यावेदन पेश करने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है. वहीं याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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