जबलपुर। कोरोना काल में स्वास्थ्य की चिंता के आगे लोगों ने आस्था से समझौता कर किया. कोरोना के खौफ के चलते सूर्यग्रहण के बाद नर्मदा नदी में स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया गया था. जिसके बाद नर्मदा के घाटों पर पूरे समय सन्नाटा पसरा रहा.
जिला प्रशासन ने फैसला लिया था कि सूर्यग्रहण के बाद कोई भी नर्मदा के घाट पर स्नान के लिए नहीं जाएगा. जबलपुर में नर्मदा नदी के किनारे कई घाट हैं. इसमे ग्वारीघाट एक किलोमीटर लंबा है, जिसमें कई रास्तों से पहुंचा जा सकता है, लेकिन पुलिस ने सभी नाकों पर पुख्ता इंतजाम कर रखा था, ताकि किसी भी रास्ते से ग्वारीघाट तक कोई न पहुंच सके.
सूर्यग्रहण के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि बड़ी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचेंगे, लेकिन प्रशासन की चेतावनी और कोरोना के खौफ ने लोगों को इस बात का एहसास करा दिया कि यदि स्वस्थ रहना है और कोरोना वायरस से बचे रहना है तो आस्था को दरकिनार करना होगा.
हालांकि नर्मदा घाट के पास रहने वाले लोग नर्मदा में डुबकी लगाते दिखे, इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग नदियों में स्नान करने नहीं पहुंचे हैं.