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कोरोना के डर से खतरा मोल ले रहे लोग, नहीं करवा रहे दूसरी बीमारियों का इलाज

कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोग दूसरी बीमारियों को भूल चुके हैं. जबलपुर में टाइफाइड, मलेरिया, फ्लू के सैकड़ों मरीज बरसात में देखने को मिलते थे, जो कोरोना संक्रमण के चलते इलाज करवाने से डर रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर.

जबलपुर कोरोना
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Published : Aug 19, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Aug 19, 2020, 12:13 PM IST

जबलपुर। एमपी में कोरोना कहर बरपा रहा है. लोग इस महामारी से इतना डर चुके हैं कि, दूसरी बीमारियों को उन्होंने भुला दिया है. कोरोना का इतना डर है कि, लोग दूसरी बीमारियों का चेकअप तक नहीं करा रहे. जबलपुर में इन दिनों अन्य बीमारियों को लेकर अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस का इतना प्रभाव हो गया है कि टाइफाइड, मलेरिया,फ्लू जैसी बीमारियों का लोग इलाज तक नहीं करवा रहे हैं.

कोरोना के डर से खतरा मोल ले रहे जबलपुर के लोग

सरकारी-निजी अस्पताल की ओपीडी खाली

इस मौसम में सरकारी और निजी अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. मरीज अपनी बीमारी के लिए अस्पताल में लाइन लगाकर खड़े रहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोग अस्पताल जाने से डर रहे हैं. ऐसे में छोटी सी बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है, जिसके बाद वो और खतरनाक भी हो जाती है. जबलपुर के जिला अस्पताल, मेडिकल चिकित्सालय सहित तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी पूरी तरह से खाली पड़ी हुई हैं, जिसकी वजह कोरोना को लेकर भय है, इसलिए लोग दूसरी बीमारियों को नजरअंदाज कर रहे हैं.

Hospital empty in Jabalpur
खाली पड़े अस्पताल

कोरोना ही सबसे बड़ी बीमारी, बाकी बीमारियां कुछ नहीं ?

जबलपुर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सक अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया बताते हैं कि, कोरोना का इस समय इतना भय हो गया है कि, लोग अन्य बीमारियों को बहुत ही छोटा समझ रहे हैं. यही वजह है कि, आम दिनों में जहां टाइफाइड, मलेरिया, फ्लू के सैकड़ों मरीज बरसात में देखने को मिलते थे, वो वर्तमान में इस बीमारी का इलाज करवाने से डर रहे हैं.

Hospital empty in Jabalpur
लोगों में कोरोना का डर

आंकड़े बयां कर रहे हकीकत

हर साल बरसात के मौसम में जबलपुर जिला अस्पताल में जहां प्रति-दिन 1100 से 1200 मरीज अपना इलाज करवाने आते थे, वहीं कोरोना वायरस के डर से इन मरीजों की संख्या 300 से 400 सिमट कर रह गई. वर्तमान में सिर्फ कोरोना संक्रमण जांच केंद्र में ही भीड़ देखी जा रही है, जहां पर लोग अपनी-अपनी जांच करवाने आ रहे हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो लोगों में कोरोना बीमारी को लेकर भ्रम भी इतना ज्यादा हो गया है कि, लोग अन्य बीमारियों के इलाज हेतु भी अस्पताल आना नहीं चाहते हैं.

Hospital empty in Jabalpur
खाली पड़े अस्पताल

डॉक्टर-नर्सों के पॉजिटिव आने के बाद भी मरीजों में भय

एक तो कोरोना वायरस संक्रमण और उसके बाद डॉक्टर और नर्स जो कि अस्पताल में तैनात रहते हैं, उनका पॉजिटिव आना भी मरीज के जेहन में भय बना हुआ है. मरीजों को लगता है कि, जो डॉक्टर या नर्स हमारा इलाज कर रहे हैं, कहीं उनके संपर्क में आने से वो भी बीमार ना हो जाएं. यही वजह है कि, इस डर के चलते लोग दूसरी बीमारियों को भूल कर घर पर ही रहना सही समझ रहे हैं.

समय पर कराएं चेकअप

डॉक्टर बताते हैं कि, जो लोग इस तरह का रवैया अपना रहे हैं, वो बहुत ही गलत है, एक छोटी सी बीमारी आने वाले समय में बड़ा रूप ले सकती है. लिहाजा जिस व्यक्ति को सर्दी, खांसी,बुखार हो उसे तुरंत ही अस्पताल जाना चाहिए. सीएमएचओ का यह भी कहना है कि, हर सर्दी, बुखार, खांसी कोरोना वायरस नहीं होता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए मरीज को अपना चेकअप जरूर करवाना चाहिए.

Fear of corona in people
लोगों में कोरोना का डर

कोरोना काल में 24 घंटे सेवा में जुटे डॉक्टर

चाहे सरकारी अस्पताल हों या फिर निजी, इस समय अस्पतालों में डॉक्टर चौबीसों घंटे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैनात हैं. कुछ डॉक्टर और नर्स तो ऐसे भी हैं, जो कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद फिर से अस्पताल में पदस्थ होकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. जिला अस्पताल में तैनात डॉ. पंकज ग्रोवर बताते हैं कि, कोरोना के डर से लोग दूसरी बीमारियों को पूरी तरह से भूलकर घर पर बैठना ही सही समझ रहे हैं. डॉ. ग्रोवर की मानें तो लोग इस समय बहुत ही डरे हुए हैं, अगर गलती से भी किसी को सर्दी, खांसी और बुखार आ जाता है, तो वो अपनी बीमारियों को छुपाकर घर पर ही रहना सही समझते हैं, लिहाजा डॉक्टरों ने सभी लोगों से अपील की है कि, जिन्हें भी थोड़ा सर्दी,खांसी, बुखार के लक्षण दिखते हैं, वो तुरंत ही अपना इलाज करवाएं.

लोगों की गलती बन रही मुसीबत का सबब

कोरोना वायरस की वजह से अब दूसरी गंभीर बीमारी वाले मरीज भी अस्पताल जाने से डर रहे हैं, डॉक्टरों की मानें तो कोरोना वायरस काल में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है और सर्जरी में भी देरी हो रही है. इससे मरीजों के जीवन के लिए खतरा पैदा हो गया है. डॉक्टरों ने बताया कि, समय पर अपना इलाज न करवाने के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों की हालात बिगड़ रही है.

जबलपुर। एमपी में कोरोना कहर बरपा रहा है. लोग इस महामारी से इतना डर चुके हैं कि, दूसरी बीमारियों को उन्होंने भुला दिया है. कोरोना का इतना डर है कि, लोग दूसरी बीमारियों का चेकअप तक नहीं करा रहे. जबलपुर में इन दिनों अन्य बीमारियों को लेकर अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस का इतना प्रभाव हो गया है कि टाइफाइड, मलेरिया,फ्लू जैसी बीमारियों का लोग इलाज तक नहीं करवा रहे हैं.

कोरोना के डर से खतरा मोल ले रहे जबलपुर के लोग

सरकारी-निजी अस्पताल की ओपीडी खाली

इस मौसम में सरकारी और निजी अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. मरीज अपनी बीमारी के लिए अस्पताल में लाइन लगाकर खड़े रहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोग अस्पताल जाने से डर रहे हैं. ऐसे में छोटी सी बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है, जिसके बाद वो और खतरनाक भी हो जाती है. जबलपुर के जिला अस्पताल, मेडिकल चिकित्सालय सहित तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी पूरी तरह से खाली पड़ी हुई हैं, जिसकी वजह कोरोना को लेकर भय है, इसलिए लोग दूसरी बीमारियों को नजरअंदाज कर रहे हैं.

Hospital empty in Jabalpur
खाली पड़े अस्पताल

कोरोना ही सबसे बड़ी बीमारी, बाकी बीमारियां कुछ नहीं ?

जबलपुर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सक अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया बताते हैं कि, कोरोना का इस समय इतना भय हो गया है कि, लोग अन्य बीमारियों को बहुत ही छोटा समझ रहे हैं. यही वजह है कि, आम दिनों में जहां टाइफाइड, मलेरिया, फ्लू के सैकड़ों मरीज बरसात में देखने को मिलते थे, वो वर्तमान में इस बीमारी का इलाज करवाने से डर रहे हैं.

Hospital empty in Jabalpur
लोगों में कोरोना का डर

आंकड़े बयां कर रहे हकीकत

हर साल बरसात के मौसम में जबलपुर जिला अस्पताल में जहां प्रति-दिन 1100 से 1200 मरीज अपना इलाज करवाने आते थे, वहीं कोरोना वायरस के डर से इन मरीजों की संख्या 300 से 400 सिमट कर रह गई. वर्तमान में सिर्फ कोरोना संक्रमण जांच केंद्र में ही भीड़ देखी जा रही है, जहां पर लोग अपनी-अपनी जांच करवाने आ रहे हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो लोगों में कोरोना बीमारी को लेकर भ्रम भी इतना ज्यादा हो गया है कि, लोग अन्य बीमारियों के इलाज हेतु भी अस्पताल आना नहीं चाहते हैं.

Hospital empty in Jabalpur
खाली पड़े अस्पताल

डॉक्टर-नर्सों के पॉजिटिव आने के बाद भी मरीजों में भय

एक तो कोरोना वायरस संक्रमण और उसके बाद डॉक्टर और नर्स जो कि अस्पताल में तैनात रहते हैं, उनका पॉजिटिव आना भी मरीज के जेहन में भय बना हुआ है. मरीजों को लगता है कि, जो डॉक्टर या नर्स हमारा इलाज कर रहे हैं, कहीं उनके संपर्क में आने से वो भी बीमार ना हो जाएं. यही वजह है कि, इस डर के चलते लोग दूसरी बीमारियों को भूल कर घर पर ही रहना सही समझ रहे हैं.

समय पर कराएं चेकअप

डॉक्टर बताते हैं कि, जो लोग इस तरह का रवैया अपना रहे हैं, वो बहुत ही गलत है, एक छोटी सी बीमारी आने वाले समय में बड़ा रूप ले सकती है. लिहाजा जिस व्यक्ति को सर्दी, खांसी,बुखार हो उसे तुरंत ही अस्पताल जाना चाहिए. सीएमएचओ का यह भी कहना है कि, हर सर्दी, बुखार, खांसी कोरोना वायरस नहीं होता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए मरीज को अपना चेकअप जरूर करवाना चाहिए.

Fear of corona in people
लोगों में कोरोना का डर

कोरोना काल में 24 घंटे सेवा में जुटे डॉक्टर

चाहे सरकारी अस्पताल हों या फिर निजी, इस समय अस्पतालों में डॉक्टर चौबीसों घंटे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैनात हैं. कुछ डॉक्टर और नर्स तो ऐसे भी हैं, जो कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद फिर से अस्पताल में पदस्थ होकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. जिला अस्पताल में तैनात डॉ. पंकज ग्रोवर बताते हैं कि, कोरोना के डर से लोग दूसरी बीमारियों को पूरी तरह से भूलकर घर पर बैठना ही सही समझ रहे हैं. डॉ. ग्रोवर की मानें तो लोग इस समय बहुत ही डरे हुए हैं, अगर गलती से भी किसी को सर्दी, खांसी और बुखार आ जाता है, तो वो अपनी बीमारियों को छुपाकर घर पर ही रहना सही समझते हैं, लिहाजा डॉक्टरों ने सभी लोगों से अपील की है कि, जिन्हें भी थोड़ा सर्दी,खांसी, बुखार के लक्षण दिखते हैं, वो तुरंत ही अपना इलाज करवाएं.

लोगों की गलती बन रही मुसीबत का सबब

कोरोना वायरस की वजह से अब दूसरी गंभीर बीमारी वाले मरीज भी अस्पताल जाने से डर रहे हैं, डॉक्टरों की मानें तो कोरोना वायरस काल में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है और सर्जरी में भी देरी हो रही है. इससे मरीजों के जीवन के लिए खतरा पैदा हो गया है. डॉक्टरों ने बताया कि, समय पर अपना इलाज न करवाने के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों की हालात बिगड़ रही है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 12:13 PM IST
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