जबलपुर। कोरोना संकट के बीच जिले में आज फिर सुखद खबर आई. जहां कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही पलक अग्रवाल ने कोरोना को हरा दिया है. उनकी सारी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद वे चेहरे पर मुस्कान लिए हुए अपने घर को रवाना हुई. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का आभार जताया है.
करीब 17 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहकर कोरोना जंग लड़ने के बाद जब पलक ने अपनी रिपोर्ट देखी, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए पलक ने कहा कि, मेडिकल कॉलेज में इतने दिनों तक जिस तरह से इलाज हुआ है, वो अविस्मरणीय है. आम तौर पर सरकारी अस्पताल में इलाज को लेकर हमेशा ही सवाल उठते हैं. लेकिन कोरोना वायरस से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर-आक्सीजन और हर उपकरण पर्याप्त मात्रा में हैं. यही वजह है कि लोग जल्द से जल्द ठीक भी हो रहे हैं.
दो दिन पहले ही डिस्चार्ज हुए हैं मां-बाप
दरअसल, पलक अग्रवाल का परिवार विदेश से लौटा था. जिसके चलते उन्हें और उनके माता-पिता को कोरोना हो गया था. यह जबलपुर का पहला केस था. जिसके बाद उन्हें और उनके माता-पिता को मेडिकल कॉलेज के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था. जहां पूरे परिवार ने कोरोना को मात दे दी है. पलक के माता-पिता को दो दिन पहले ही डिस्चार्ज किया गया है
अभी पांच केस और है कोरोना पीजिटिव
बता दें कि, जिले में अभी तक 250 से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए है. जिसमे से मुकेश अग्रवाल के परिजनों सहित 10 लोग पॉजिटीव निकले है. इसमें इंदौर से आए पत्थरबाज का केस भी शामिल है. पांच मरीज ठीक हो चुके हैं. जबकि बाकी पांच का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.