जबलपुर। महिला डॉक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल के कार्य का लाभ नहीं दिये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि गूगल मैप 28 किलोमीटर की दूरी को 23 किलोमीटर बता रहा है, इसलिए उसे लाभ से वंचित कर दिया गया है. हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस एके शर्मा की युगल पीठ ने याचिकाकर्ता महिला डॉक्टर के आवेदन का निराकरण 24 घंटों में करने का आदेश जारी (Order of Jabalpur High Court to Health Department) किया है.
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अतिरिक्त लाभ नहीं देने को HC में दी चुनौती
याचिकाकर्ता डॉक्टर दुर्गा पांडे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सतना नगर निगम से 28 किलोमीटर दूर स्थित डगडीया प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में विगत तीन सालों से अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने वाले मेडिकल ऑफिसर को इनसर्विस उम्मीदवार मानते हुए प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिये जाते हैं, नियमानुसार नगर निगम से 25 किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को ग्रामीण क्षेत्र माना जाता है. याचिका में कहा गया कि पीजी कोर्स में उसे इनसर्विस उम्मीवार बनाया गया. पर ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल सेवाएं देने के बावजूद उसे तीस प्रतिशत अतिरिक्त अंक का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
गूगल मैप दूरी तय करने का कोई मापदंड नहीं
इस संबंध में डॉक्टर ने संबंधित अधिकारियों को भी आवेदन दिया था. उसे बताया गया कि गूगल मैप के अनुसार डगडीया प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र की दूरी 23 किलोमीटर है, इसलिए उसे लाभ नहीं दिया जा रहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि गूगल मैप दूरी तय करने का कोई मापदंड नहीं है. रोड नहीं होने के बावजूद भी गुगल मैप दूरी बता देता है. युगलपीठ ने बुधवार को उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 21 जनवरी को निर्धारित की है.