ETV Bharat / state

सड़कों के हाल बेहाल, खुले पड़े गड्ढे दे रहे हादसों को न्योता - विधायक तरुण भनोट

जबलपुर शहर में सड़कों का हाल बेहाल बना हुआ है. यहां की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है, जिससे लगातार दुर्घटना का डर बना रहता है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हुए है. पढ़िए पूरी खबर..

open-potholes-on-jabalpur-roads
सड़कों के हाल बेहाल
author img

By

Published : Dec 27, 2020, 5:08 PM IST

जबलपुर। शहर की सड़कों पर चलने वाले हजारों वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. वजह सड़कों का गड्ढों में तब्दील होना. जी हां स्मार्ट सिटी में कई सड़कें ऐसी है, जहां गड्ढे दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. आम लोगों के साथ तो आलम यह है कि, हादसे के डर से लोग अपना रास्ता तक बदल देते हैं.

सड़कों के हाल बेहाल
न्योता दे रहे हैं गड्ढे

शहर में सबसे ज्यादा गड्ढे अगर सड़कों पर हैं, तो उसकी वजह है सीवर लाइन. सन् 2008 में शुरू हुआ सीवरेज प्रोजेक्ट का काम आज भी अधूरा है. अधूरे प्रोजेक्ट की वजह से गड्ढे लगातार हादसों को दावत दे रहे हैं. रानीतालगढ़ा, मदन महल और नोदरा ब्रिज के पास इतने गहरे और खतरनाक खड्डे हैं कि कोई भी गंभीर रूप से घायल हो सकता है.

क्या कहती है जनता ?

मदन महल निवासी पीयूष बताते हैं, सीवर लाइन के लिए करीब 2 माह पहले उनके घर के सामने गहरा गड्ढा खोदा गया था, जिसे अब तक नहीं भरा गया. इस संबंध में लोगों ने नगर निगम से गड्ढे को बंद करवाने को लेकर अवगत भी करवाया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. वहीं स्थानीय निवासी अजय कहते हैं, अब तो सड़कों पर गड्ढे देखकर गाड़ी चलाने में डर लगता है.

गड्ढों को लकड़ी और बेरिकेड्स से ढक दिया

गड्डों को नगर निगम ने कहीं लकड़ी तो कही बेरिकेड्स से कवर कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ सड़कें ऐसी हैं, जो बड़ी हादसों को आमंत्रित कर रही हैं.

विधायक ने बताई सड़क पर गड्ढों की हकीकत

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक तरुण भनोट मानते हैं कि, गड्ढों के चलते राहगीरों ने अपनी जान तक गवाई है. इसके बाद भी प्रशासन चेत नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर जान कीमती है. इसलिए प्रशासन को इसका तुरंत समाधान करना चाहिए.

निगम अधिकारी को नहीं हैं जानकारी
नगर निगम अधिकारियों को इतना भी इल्म नहीं है कि शहर की सड़कों पर गड्ढे मौत को दावत दे रहे है. अपर आयुक्त प्रवेश जलोटे ने भी माना कि सड़कों पर गड्ढे होना निश्चित ही गंभीर है. उन्होंने कहा कि जल्द ही संबंधित इंजीनियर से बात कर इसका निदान किया जाएगा.

टैक्स देने के बाद भी जनता नहीं है सुरक्षित

शहर की सीमा पर रहने वाली करीब 20 लाख की आबादी नगर निगम को पानी, बिजली सहित सड़क का टैक्स देती है, पर इसके बावजूद भी नगर निगम जनता के लिए बिल्कुल भी संजीदा नहीं है.

जबलपुर। शहर की सड़कों पर चलने वाले हजारों वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. वजह सड़कों का गड्ढों में तब्दील होना. जी हां स्मार्ट सिटी में कई सड़कें ऐसी है, जहां गड्ढे दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. आम लोगों के साथ तो आलम यह है कि, हादसे के डर से लोग अपना रास्ता तक बदल देते हैं.

सड़कों के हाल बेहाल
न्योता दे रहे हैं गड्ढे

शहर में सबसे ज्यादा गड्ढे अगर सड़कों पर हैं, तो उसकी वजह है सीवर लाइन. सन् 2008 में शुरू हुआ सीवरेज प्रोजेक्ट का काम आज भी अधूरा है. अधूरे प्रोजेक्ट की वजह से गड्ढे लगातार हादसों को दावत दे रहे हैं. रानीतालगढ़ा, मदन महल और नोदरा ब्रिज के पास इतने गहरे और खतरनाक खड्डे हैं कि कोई भी गंभीर रूप से घायल हो सकता है.

क्या कहती है जनता ?

मदन महल निवासी पीयूष बताते हैं, सीवर लाइन के लिए करीब 2 माह पहले उनके घर के सामने गहरा गड्ढा खोदा गया था, जिसे अब तक नहीं भरा गया. इस संबंध में लोगों ने नगर निगम से गड्ढे को बंद करवाने को लेकर अवगत भी करवाया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. वहीं स्थानीय निवासी अजय कहते हैं, अब तो सड़कों पर गड्ढे देखकर गाड़ी चलाने में डर लगता है.

गड्ढों को लकड़ी और बेरिकेड्स से ढक दिया

गड्डों को नगर निगम ने कहीं लकड़ी तो कही बेरिकेड्स से कवर कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ सड़कें ऐसी हैं, जो बड़ी हादसों को आमंत्रित कर रही हैं.

विधायक ने बताई सड़क पर गड्ढों की हकीकत

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक तरुण भनोट मानते हैं कि, गड्ढों के चलते राहगीरों ने अपनी जान तक गवाई है. इसके बाद भी प्रशासन चेत नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर जान कीमती है. इसलिए प्रशासन को इसका तुरंत समाधान करना चाहिए.

निगम अधिकारी को नहीं हैं जानकारी
नगर निगम अधिकारियों को इतना भी इल्म नहीं है कि शहर की सड़कों पर गड्ढे मौत को दावत दे रहे है. अपर आयुक्त प्रवेश जलोटे ने भी माना कि सड़कों पर गड्ढे होना निश्चित ही गंभीर है. उन्होंने कहा कि जल्द ही संबंधित इंजीनियर से बात कर इसका निदान किया जाएगा.

टैक्स देने के बाद भी जनता नहीं है सुरक्षित

शहर की सीमा पर रहने वाली करीब 20 लाख की आबादी नगर निगम को पानी, बिजली सहित सड़क का टैक्स देती है, पर इसके बावजूद भी नगर निगम जनता के लिए बिल्कुल भी संजीदा नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.