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कोरोनावायरस के साइड इफेक्ट के कारण 'शुगर पेशेंट' की बढ़ रही संख्या

कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बाद डायबिटीक मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है. बड़ों से लेकर बच्चों में तक डायबिटीज के मामले सामने आ रहे हैं. डॉ आशीष डेंगरा का कहना है कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद बहुत से ऐसे मरीज सामने आए जिनको डायबिटीज होने की संभावना थी. लेकिन वे फिलहाल डायबिटिक नहीं थे .लेकिन इन लोगों को स्ट्राइड जैसी दवाइयां दी गई. जिसकी वजह से इन्हें जो डायबिटीज 5 साल बाद kaआनी थी वह समस्या अभी खड़ी हो गई है.

post corona effect
पोस्ट कोरोना का खतरा
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Published : Jul 19, 2021, 11:53 AM IST

जबलपुर(Jabalpur)। कोरोनावायरस की दूसरी लहर खत्म हो गई है. लेकिन इसके असर खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जबलपुर में डायबिटीज का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है की अचानक डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. बड़ों से लेकर बच्चों में तक डायबिटीज के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद बहुत से ऐसे मरीज जिनमें यह समस्या देखने को मिल रही हैं.

पोस्ट कोरोना के लक्षण
कोरोनाकाल में बढ़ी डायबिटीज मरीजों की संख्या डॉ आशीष डेंगरा का कहना है कोरोनावायरस के संक्रमण के ठीक होने के बाद बहुत से ऐसे मरीज सामने आए जिनको डायबिटीज होने की संभावना थी. लेकिन वे फिलहाल डायबिटिक नहीं थे .लेकिन इन लोगों को एस्ट्रोराइड जैसी दवाइयां दी गई. जिसकी वजह से इन्हें जो डायबिटीज 5 साल बाद आनी थी वह समस्या अभी खड़ी हो गई ऐसे मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा है.

कोरोना के बाद लेथार्जी की समस्या
कुछ ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं जिनको डायबिटीज होने की बिल्कुल संभावना नहीं थी .मतलब उनके परिवार में इसके पहले किसी को डायबिटीज नहीं रही. लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद अब उन्हें डायबिटीज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. डॉ आशीष डेंगरा का कहना है हालांकि इन लोगों को ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है कुछ दिनों के इलाज के बाद इनकी यह समस्या खत्म हो जाती है.

बच्चों में भी बार बार पेशाब आना- की समस्या
कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा खतरनाक असर उन बच्चों पर पड़ा जिन्हें पहले से डायबिटीज थी. अगर यह कोरोनावायरस संक्रमण के अंदर आ जाए तो इनके अंदर कीटोन का फार्मेशन हुआ तो डॉक्टर धींगरा का कहना है कि यह एक किस्म का जहर है. जिसके आने के बाद ऐसे बच्चे जिंदगी और मौत के बीच फंस जाते हैं. बहुत सारे बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. बहुत से बच्चे ऐसे भी है जिनके पैंक्रियास को स्थाई रूप से खराब कर दिया और अब इन बच्चों को जीवन भर इंसुलिन लेनी होगी.

काफी दिनों बाद पड़ी रिमझिम फुहार! खिल उठे किसानों के 'मुरझाते' चेहरे

प्रतिरोधक क्षमता हुई कम
कोरोनावायरस का असर यहीं तक नहीं है. इसके अलावा भी कई किस्म की समस्याएं लोगों को हो रही हैं. बहुत से लोग डॉक्टर से शिकायत कर रहे हैं कि वे पहले जितनी मेहनत कर लेते थे. उतनी मेहनत नहीं कर पा रहे हैं और उनके शरीर में ताकत नहीं बची.इसके साथ ही बहुत से लोगों को चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं भी हो रही है.

कोरोनावायरस की दूसरी लहर खत्म हो गई है लेकिन इसका असर अभी भी है. डॉक्टरों का अंदेशा है कि जुलाई के अंत तक ये वायरस दोबारा पैर फैलाएगा. इसलिए लोगों को इस बात को नहीं भूलना चाहिए की वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है और इसके दुष्परिणाम कितने बुरे हैं और कब तक सामने आएंगे इसका भी बराबर अनुमान किसी के पास नहीं है.

डायबिटीज के लक्षण

बार बार पेशाब आना

तेज भूख लगाना

वजन बढ़ना

तेज भूख लगना

तेज प्यास लगना

फोड़े -फुंसी

शरीर में झुनझुनहाट

आंखे कमजोर होना

चोट जल्दी ठीक न होना

सुनने में समस्या होना

स्कीन पर डार्क स्पोट होना

जबलपुर(Jabalpur)। कोरोनावायरस की दूसरी लहर खत्म हो गई है. लेकिन इसके असर खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जबलपुर में डायबिटीज का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है की अचानक डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. बड़ों से लेकर बच्चों में तक डायबिटीज के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद बहुत से ऐसे मरीज जिनमें यह समस्या देखने को मिल रही हैं.

पोस्ट कोरोना के लक्षण
कोरोनाकाल में बढ़ी डायबिटीज मरीजों की संख्या डॉ आशीष डेंगरा का कहना है कोरोनावायरस के संक्रमण के ठीक होने के बाद बहुत से ऐसे मरीज सामने आए जिनको डायबिटीज होने की संभावना थी. लेकिन वे फिलहाल डायबिटिक नहीं थे .लेकिन इन लोगों को एस्ट्रोराइड जैसी दवाइयां दी गई. जिसकी वजह से इन्हें जो डायबिटीज 5 साल बाद आनी थी वह समस्या अभी खड़ी हो गई ऐसे मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा है.

कोरोना के बाद लेथार्जी की समस्या
कुछ ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं जिनको डायबिटीज होने की बिल्कुल संभावना नहीं थी .मतलब उनके परिवार में इसके पहले किसी को डायबिटीज नहीं रही. लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद अब उन्हें डायबिटीज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. डॉ आशीष डेंगरा का कहना है हालांकि इन लोगों को ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है कुछ दिनों के इलाज के बाद इनकी यह समस्या खत्म हो जाती है.

बच्चों में भी बार बार पेशाब आना- की समस्या
कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा खतरनाक असर उन बच्चों पर पड़ा जिन्हें पहले से डायबिटीज थी. अगर यह कोरोनावायरस संक्रमण के अंदर आ जाए तो इनके अंदर कीटोन का फार्मेशन हुआ तो डॉक्टर धींगरा का कहना है कि यह एक किस्म का जहर है. जिसके आने के बाद ऐसे बच्चे जिंदगी और मौत के बीच फंस जाते हैं. बहुत सारे बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. बहुत से बच्चे ऐसे भी है जिनके पैंक्रियास को स्थाई रूप से खराब कर दिया और अब इन बच्चों को जीवन भर इंसुलिन लेनी होगी.

काफी दिनों बाद पड़ी रिमझिम फुहार! खिल उठे किसानों के 'मुरझाते' चेहरे

प्रतिरोधक क्षमता हुई कम
कोरोनावायरस का असर यहीं तक नहीं है. इसके अलावा भी कई किस्म की समस्याएं लोगों को हो रही हैं. बहुत से लोग डॉक्टर से शिकायत कर रहे हैं कि वे पहले जितनी मेहनत कर लेते थे. उतनी मेहनत नहीं कर पा रहे हैं और उनके शरीर में ताकत नहीं बची.इसके साथ ही बहुत से लोगों को चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं भी हो रही है.

कोरोनावायरस की दूसरी लहर खत्म हो गई है लेकिन इसका असर अभी भी है. डॉक्टरों का अंदेशा है कि जुलाई के अंत तक ये वायरस दोबारा पैर फैलाएगा. इसलिए लोगों को इस बात को नहीं भूलना चाहिए की वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है और इसके दुष्परिणाम कितने बुरे हैं और कब तक सामने आएंगे इसका भी बराबर अनुमान किसी के पास नहीं है.

डायबिटीज के लक्षण

बार बार पेशाब आना

तेज भूख लगाना

वजन बढ़ना

तेज भूख लगना

तेज प्यास लगना

फोड़े -फुंसी

शरीर में झुनझुनहाट

आंखे कमजोर होना

चोट जल्दी ठीक न होना

सुनने में समस्या होना

स्कीन पर डार्क स्पोट होना

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