जबलपुर। नगर निगम ने टैक्स वसूलने का जो लक्ष्य लिया था, उस लक्ष्य का आधा भी निगम 11 माह में नहीं वसूल सका है. हालांकि कर वसूलने में पिछड़ने का एक बड़ा कारण निगम अधिकारी दो माह का कोरोना काल बता रहे हैं. वहीं निगम अधिकारियों की इस दलील से नगर निगम में विपक्ष में बैठा इत्तफाक नहीं रखता है. विपक्ष का मानना है कि निगम अधिकारी सिर्फ अपनी वाहवाही लूटने के लिए हवा हवाई लक्ष्य बना लेते हैं जिसे प्राप्त में निगम कभी कामयाब नहीं हो सकता है.
लक्ष्य 410 करोड़ रु का,अभी 160 करोड़ रुपये पहुंचा है आंकड़ा
जबलपुर नगर निगम ने इस वित्तिय वर्ष 2020-21 में कर वसूलने के जो टारगेट रखा था. वह उसके आधे भी नहीं पहुंच पाया है. नगर निगम उप आयुक्त की माने तो इस वित्तिय वर्ष में कर वसूलने का जो लक्ष्य था वह था 410 करोड़ रुपय था लेकिन कोरोना काल मे दो माह वसूली नहीं हो पा.ई जिसके चलते अभी तक कर सिर्फ 160 करोड़ रु ही वसूला जा सका है. वहीं उम्मीद है कि आने वाले बचे के दिनों करीब 70 से 80 करोड़ रुपये कर वसूलकर आंकड़ा 250 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए.
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सबसे ज्यादा रेल्वे और इंडस्ट्रियों में बकाया
नगर निगम उपायुक्त पीएन सांखेरे के मुताबिक सबसे ज्यादा निगम का कर अगर बकाया है तो वह है रेलवे में, उपायुक्त के मुताबिक करीब 40 से 50 करोड़ रु रेलवे में कर बकाया है. वहीं औद्योगिक संस्थानों में भी करीब 30 करोड़ रु लंबे अरसे से बकाया है जिसे वसूल करने का लगातार निगम प्रयास भी कर रहा है.
जबलपुर नगर निगम ने वित्तिय वर्ष 2020-21 में कर वसूलने के लक्ष्य जो रखा था. वह था करीब 410 करोड़ पर कोरोना काल के चलते यह लक्ष्य पूरी तरह से गड़बड़ा गया. आलम यह है कि कुछ भी करे लेकिन लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सकता है. हालांकि उम्मीद है कि मार्च खत्म होते-होते करीब 250 करोड़ रुपये तक का कर वसूल लिया जाएगा.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष का तंज-वाहवाही लूटने के लिए बनाया जाता है लक्ष्य
नगर निगम के 400 करोड़ रुपये के कर लक्ष्य पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसा है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर की माने तो निगम के अधिकारी सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए लक्ष्य बनाते हैं जबकि असल में बिना मेहनत किए जितनी राशि आ जाती है. उसी को रखकर नए साल का लक्ष्य बनाने में जुट जाते हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर की माने तो कर वसूलने के लिए तो नगर निगम के अधिकारी टारगेट बना लेते हैं लेकिन कभी यह नहीं देखते हैं कि जहां से कर लिया जा रहा है वहां नाली-बिजली-सड़क की व्यवस्था है या नही.
जबलपुर नगर निगम के अधीन पूरे शहर के वार्डो में 2 लाख 70 हजार सम्पति है. जिनमें अभी तक करीब एक लाख 50 हजार लोगों में कर जमा कर दिया है. नगर निगम को अपने लक्ष्य के आधे तक पहुंचने के लिए रेलवे और औद्योगिक संस्थानों से कर वसूलना जरूरी होगा, क्योंकि अगर इन संस्थानों से नगर निगम को कर नहीं मिला तो कहा जा सकता है कि निगम का यह आंकड़ा 200 करोड़ के पास भी नहीं पहुंच सकता है.