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Monsoon In MP: महाकौशल में इस बार बारिश खेती के मनमाफिक,डेढ़ दशक बाद खिले किसानों के चेहरे

इस बार की बारिश से किसान खुश हैं. किसान बोवनी में जुट गए हैं. महाकौशल क्षेत्र में किसानों का कहना है कि कई साल बाद उनके मन मुताबिक बारिश हो रही है. जब खेतों को बारिश चाहिए तो हो रही है और बीच-बीच में मौसम खुल जा रहा है. इससे बोवनी के लिए पर्याप्त समय मिल गया है. अगर ऐसा ही मौसम रहा तो जोरदार उपज होगी. (Monsoon report Mahakaushal)

Monsoon report Mahakaushal
महाकौशल में इस बार बारिश खेती के मनमाफिक खिले किसानों के चेहरे
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Published : Jul 13, 2023, 1:55 PM IST

महाकौशल में इस बार बारिश खेती के मनमाफिक खिले किसानों के चेहरे

जबलपुर। पिछले एक दशक से मानसूनी बारिश किसानों के लिए आफत बनकर कहर बरपा रही थी. लेकिन इस बार की बारिश मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है. विशेषकर जबलपुर संभाग में किसान बेहद खुश हैं. देश में हो रही मानसूनी बारिश ने कई इलाकों में जहां तबाही मचा कर रखी है तो इस बार मध्यप्रदेश में हालात किसानों के अनुकूल हैं. इस साल की मानसूनी बारिश ने किसानों को चिंता में नहीं डाला. किसान खेती में जुट गए हैं.

किसानों के मन मुताबिक बारिश : डेढ़ दशक बाद मध्य प्रदेश में मानसून का पैटर्न इस बार किसानों के मुताबिक है. बात पूरे महाकौशल क्षेत्र की जाए तो इस बार मानसून 26-27 जून के बाद एक्टिव हुआ. प्री मानसून की बारिश नहीं हुई. जिसके कारण किसानों की दलहनी फसलें आसानी से कट गईं. इसके बाद बारी आती है मक्के और धान की फसल की तो कुछ दिनों बारिश के बाद फिर बारिश रुक गई. जिसकी वजह से खेतों में पर्याप्त पानी भी आ गया और किसानों को नई फसल की बोनी के लिए समय भी मिल गया. जबलपुर समेत पूरे महाकौशल क्षेत्र में धान और मक्के की पैदावार सबसे ज्यादा की जाती है. इन दोनों ही फसलों के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है.

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रोपा लगाने में जुटे किसान : कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि धान की फसल के लिए खेत पानी में डूबे रहना चाहिए. लेकिन अत्यधिक बारिश या बेहद कम बारिश की वजह से अब तक किसान धान की अच्छी पैदावार नहीं ले पा रहे थे. लेकिन इस बार जिस प्रकार की बारिश हो रही है, उससे किसानों को रोपा लगाने और फिर धान की फसल खेतों में बोने के लिए पर्याप्त समय मिल गया. जब बारिश की जरूरत हुई तो बारिश हो गई. यानी इस बार मानसून ने किसानों का पूरा साथ दिया है. कृषि वैज्ञानिक ब्रजेश अरजरिया कहते हैं कि डेढ़ दशक बाद किसानों के मुताबिक मानसूनी बारिश हो रही है. इस बार किसानों को फसलों की अच्छी पैदावार मिलेगी.

महाकौशल में इस बार बारिश खेती के मनमाफिक खिले किसानों के चेहरे

जबलपुर। पिछले एक दशक से मानसूनी बारिश किसानों के लिए आफत बनकर कहर बरपा रही थी. लेकिन इस बार की बारिश मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है. विशेषकर जबलपुर संभाग में किसान बेहद खुश हैं. देश में हो रही मानसूनी बारिश ने कई इलाकों में जहां तबाही मचा कर रखी है तो इस बार मध्यप्रदेश में हालात किसानों के अनुकूल हैं. इस साल की मानसूनी बारिश ने किसानों को चिंता में नहीं डाला. किसान खेती में जुट गए हैं.

किसानों के मन मुताबिक बारिश : डेढ़ दशक बाद मध्य प्रदेश में मानसून का पैटर्न इस बार किसानों के मुताबिक है. बात पूरे महाकौशल क्षेत्र की जाए तो इस बार मानसून 26-27 जून के बाद एक्टिव हुआ. प्री मानसून की बारिश नहीं हुई. जिसके कारण किसानों की दलहनी फसलें आसानी से कट गईं. इसके बाद बारी आती है मक्के और धान की फसल की तो कुछ दिनों बारिश के बाद फिर बारिश रुक गई. जिसकी वजह से खेतों में पर्याप्त पानी भी आ गया और किसानों को नई फसल की बोनी के लिए समय भी मिल गया. जबलपुर समेत पूरे महाकौशल क्षेत्र में धान और मक्के की पैदावार सबसे ज्यादा की जाती है. इन दोनों ही फसलों के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है.

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