जबलपुर। लंबे इंतजार के बाद जबलपुर को वंदे भारत एक्सप्रेस मिल तो गई, लेकिन इसके महंगे किराए की वजह से आम आदमी इस पर सफर करने को लेकर पशोपेश में है. जबलपुर से भोपाल का वंदे भारत का किराया 950 रुपए है और एग्जीक्यूटिव क्लास 1650 रुपए से 1700 रुपए है. वहीं वंदे भारत रेलगाड़ी के टाइम टेबल को लेकर भी आम आदमी आपत्ति जता रहे हैं, क्योंकि जिस समय वंदे भारत चलाई जा रही है उसी समय भोपाल के लिए कई दूसरी ट्रेनें भी हैं.
वंदे भारत के साथ कई ट्रेनें रवाना: 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल से जबलपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. फिलहाल यह ट्रेन रेलवे के टाइम टेबल के अनुसार सुबह 6:00 बजे जबलपुर से रवाना होगी और 10:30 बजे भोपाल पहुंचेगी. वहीं जबलपुर से सुबह 5:30 बजे ही जनशताब्दी एक्सप्रेस भी रवाना होती है और 4:30 पर अमरकंटक एक्सप्रेस भोपाल के लिए रवाना होती है. ऐसी स्थिति में इस ट्रेन में भोपाल के लिए पैसेंजर मिलना कुछ कठिन रहेगा. यात्री सुविधा समिति के सदस्य अभिलाष पांडे का कहना है कि "टाइम टेबल को लेकर रेलवे फिर विचार करेगा. यदि मौजूदा समय में पर्याप्त यात्री नहीं मिलेंगे तो इसे बदला भी जा सकता है."
वंदे भारत का किराया अन्य ट्रेन से ज्यादा: दूसरी ओर वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया भी अभी तक मौजूद तमाम ट्रेन के किराए से ज्यादा है. जहां जबलपुर से भोपाल की यात्रा जनशताब्दी एक्सप्रेस में AC कोच में 550 रुपए में की जा सकती है, वहीं यात्रा वंदे भारत में 1000 रुपए में होगी. हालांकि यात्री सुविधा समिति के सदस्य अभिलाष पांडे का कहना है कि "वंदे भारत की यात्रा एक सुविधाजनक यात्रा होगी. रेलगाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार सुविधाजनक बनाया गया है. इसमें एक डिब्बे में सामान्य गाड़ी में जो कुर्सियां होती हैं, उससे बहुत कम कुर्सियां लगाई गई हैं, ताकि यात्री को पर्याप्त जगह मिल सके. वहीं हर कुर्सी रिवॉल्विंग चेयर है, इसके साथ ही गाड़ी में डिब्बों की संख्या भी कम है ताकि रेलगाड़ी की स्पीड को मेंटेन किया जा सके. यात्रा के दौरान यात्रियों के खाने-पीने का भी इंतजाम रखा जाएगा, इसलिए वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया आम रेलगाड़ियों से ज्यादा है.
पढ़ें ये खबरें... |
राजनीतिक सफर को आसान करने की तैयारी: वंदे भारत ट्रेन भारतीय जनता पार्टी के लिए एक महत्वकांक्षी रेलगाड़ी है. यह केवल आम आदमियों का सफर आसान नहीं करेगी, बल्कि इसके जरिए बीजेपी खुद भी अपने राजनीतिक सफर को आसान करने की तैयारी कर रही है. इसलिए राज्य और केंद्र के चुनाव के ठीक पहले एक साथ कई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा रही हैं.