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Sidhi Urination Incident: एनएसए की कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता प्राप्त करें दिशा-निर्देश - सीधी में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब

सीधी पेशाब कांड में हाईकोर्ट ने एनएसए की कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता को दिशा-निर्देश प्राप्त करने के आदेश दिए हैं.

Sidhi Urination Incident
सीधी पेशाब कांड
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Published : Jul 18, 2023, 11:08 AM IST

जबलपुर। सीधी में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने वाले भाजपा नेता के खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. आरोपी की पत्नी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि प्रकरण को राजनीतिक मुद्दा बनाने जाने के खिलाफ उसके पति के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने एनएसए की कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता को दिशा-निर्देश प्राप्त करने आदेश जारी किए हैं

वीडियो वायरल होने के बाद बना राजनीतिक मुद्दा: याचिकाकर्ता कंचन शुक्ला की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि "मेरे पति प्रवेश शुक्ला एक पार्टी का नेता है, पति द्वारा एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होने के बाद इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया गया है. प्रशासन द्वारा भी उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही की गई है."

एनएसए की कार्यवाही अनुच्छेद 21 का उल्लंधन: इसके अलावा याचिका में एनएसए कार्यवाही की वैधता को चुनौती दी गई है. याकिचाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि "मेरे पति का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. मामले को राजनीतिक मुददा का रूप दिया गया था, जिसके कारण प्रशासन ने उनके(पति) खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की है. एनएसए की कार्यवाही अनुच्छेद 21 का उल्लंधन है."

इन खबरों पर भी एक नजर:

सरकारी अधिवक्ता प्राप्त करें दिशा-निर्देश: याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता को दिशा-निर्देश प्राप्त कर हाईकोर्ट को अवगत करवाने के निर्देश दिये है. साथ ही इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अनिरूध्द मिश्रा ने पैरवी की.

जबलपुर। सीधी में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने वाले भाजपा नेता के खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. आरोपी की पत्नी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि प्रकरण को राजनीतिक मुद्दा बनाने जाने के खिलाफ उसके पति के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने एनएसए की कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता को दिशा-निर्देश प्राप्त करने आदेश जारी किए हैं

वीडियो वायरल होने के बाद बना राजनीतिक मुद्दा: याचिकाकर्ता कंचन शुक्ला की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि "मेरे पति प्रवेश शुक्ला एक पार्टी का नेता है, पति द्वारा एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होने के बाद इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया गया है. प्रशासन द्वारा भी उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही की गई है."

एनएसए की कार्यवाही अनुच्छेद 21 का उल्लंधन: इसके अलावा याचिका में एनएसए कार्यवाही की वैधता को चुनौती दी गई है. याकिचाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि "मेरे पति का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. मामले को राजनीतिक मुददा का रूप दिया गया था, जिसके कारण प्रशासन ने उनके(पति) खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की है. एनएसए की कार्यवाही अनुच्छेद 21 का उल्लंधन है."

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सरकारी अधिवक्ता प्राप्त करें दिशा-निर्देश: याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने कार्यवाही के संबंध में सरकारी अधिवक्ता को दिशा-निर्देश प्राप्त कर हाईकोर्ट को अवगत करवाने के निर्देश दिये है. साथ ही इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अनिरूध्द मिश्रा ने पैरवी की.

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