जबलपुर। मध्यप्रदेश में तालाबों पर लगातार अतिक्रमण हो रहे हैं. कई स्थानों पर तालाब ही गायब कर दिए गए हैं. यहां अब कॉलोनियां बस गई हैं. तालाबों पर अतिक्रमण के मामले में अफसरों की भूमिका संदिग्ध रहती है. ऐसे ही रीवा जिले के एक गांव में सरकारी तालाब को लोग लील गए. अब इस मामले की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को निर्धारित की है.
अतिक्रमण से लोगों में रोष : ये मामला जयराम साकेत की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि ग्राम फूल हरचंदा सिंह स्थित शासकीय तालाब पर अनावेदक विष्णु साकेत, रामलाल, औशेरी व राजमन ने निर्माण कर अतिक्रमण कर रखा है, जिससे ग्रामवासियों को निस्तार के लिये काफी परेशानियों का सामना करन पड़ता है. आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त तालाब तीन ग्रामों के बीच में स्थित है. जिसका प्रयोग तीन गांव के लोग करते हैं. अतिक्रमण होने से लोगों को काफी दिक्कतें हो रहीं हैं.
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इन्हें बनाया पक्षकार : आवेदक की ओर से अधिवक्ता एसडी मिश्रा ने पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि हाईकोर्ट व सर्वोच्च न्यायालय ने भी तालाबों को संरक्षित करने के संबंध में कई आदेश जारी किये हैं. इसके बावजूद शासकीय तालाब पर अतिक्रमण कर उसका अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है. मामले में पीएस राजस्व विभाग, कलेक्टर रीवा, एसडीओं हनुमना व अनावेदक विष्णु साकेत, रामलाल, औशेरी व राजमन को पक्षकार बनाया गया है. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.