जबलपुर। हाईकोर्ट से ओबीसी वर्ग को राहत मिली है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सिविल जज परीक्षा के लिए OBC वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए LLB में 70 प्रतिशत अंक की अनिर्वायता को घटाकर 50 प्रतिशत करने के आदेश जारी किये हैं. युगलपीठ ने हाईकोर्ट रजिस्टार को इस संबंध में तीन दिनों के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी जारी किये हैं.
किसने दायर की थी याचिका: नरसिंहपुर की रहने वाली एडवोकेट वर्षा पटेल की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट की अनुशंसा पर प्रदेश सरकार न्यायिक सेवा भर्ती नियम 1994 में किए गये संशोधन को चुनौती दी गयी थी. इसके साथ अन्य जिलों के उम्मीदवारों ने भी याचिकाएं दायर कर नियमों को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया कि भर्ती नियम में संशोधन के तहत एलएलबी में 70 फीसदी से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को तीन साल की वकालत का अनुभव अनिवार्य किया गया था. इसके बाद ही अभ्यार्थी सिविल जज परीक्षा के योग्य होंगे. सिविल जज के लिए इंटरव्यू परीक्षा में 50 अंको में से न्यूनतम 20 अंक प्राप्त करना जरुरी था.
क्या कहा गया याचिका में: याचिका में कहा गया है कि नियमों में कहीं भी यह प्रावधान नहीं किया गया है कि अनारक्षित पदों को परीक्षा के प्रथम और द्वितीय चरण में कैसे भरा जायेगा. इसके अलावा ओबीसी वर्ग के लिए सभी योग्यताएं अनारक्षित वर्ग के समान निर्धारित की गई हैं. जो कि संविधान के अनुछेद 14 एवं 16(4) तथा आरक्षण अधिनियम 1994 का उल्लंघन है. याचिका में राहत चाही गई है कि हाईकोर्ट की सभी भर्तियों को निष्पक्ष तथा पारदर्शी बनाने के लिए लोक सेवा आयोग या राज्य की किसी परीक्षा एजेंसी से परीक्षा कराई जाए.
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कोर्ट ने ये दिया आदेश: याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने ओबीसी वर्ग के लिए सामान्य वर्ग के समान एलएलबी में 70 प्रतिशत अंक निर्धारित किये जाने को अवैधानिक मानते हुए नया आदेश जारी किया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सिविल जज परीक्षा के लिए OBC वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए LLB में 70 प्रतिशत अंक की अनिर्वायता को घटाकर 50 प्रतिशत करने के आदेश जारी किये हैं. युगलपीठ ने हाईकोर्ट रजिस्टार को इस संबंध में तीन दिनों के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी जारी किये हैं.