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नौकरी के पीछे मत भागो अपना व्यापार शुरू करो, जबलपुर की कई लड़कियां यहां ले रहीं हैं ट्रेनिंग - जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में लीजिए ट्रेनिंग

Job is not necessary start your own business:पढ़ाई लिखाई के बाद ज्यादातर लोग सुरक्षित नौकरी के लिए प्रयास करते हैं लेकिन अब लोगों की सोच बदल रही है. जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में 45 ऐसीं लड़कियां पहुंची हैं जो अपना स्टार्टअप शुरू करना चाह रही हैं और इसके पहले इस सेंटर से हुनर सीख रहीं हैं. training in incubation center of Jabalpur

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जबलपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर में ट्रेनिंग के लिए पहुंची लड़कियां
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 5:29 PM IST

जबलपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर में ट्रेनिंग लेते युवक-युवतियां

जबलपुर। पढ़ाई लिखाई के बाद ज्यादातर लोगों की उम्मीद होती है कि उन्हें एक सुरक्षित सरकारी नौकरी मिल जाती लेकिन सरकारी नौकरियां सीमित हैं. ऐसी स्थिति में लोग क्या करें इनके लिए एक जवाब है जबलपुर का इनक्यूबेशन सेंटर. यहां फिलहाल लगभग 45 लड़कियां पहुंची हैं जिनके दिमाग में गजब के बिजनेस आइडिया हैं इस इनक्यूबेशन सेंटर में इनके आइडिया को एक सफल व्यापार शुरू करने के पहले ट्रेनिंग दी जा रही है.इसमें से कुछ लड़कियां ऐसी हैं जो पहले से अपना स्टार्टअप शुरू कर चुकी हैं और वह अब इसे और बेहतर करने के लिए यहां व्यापार करने के हुनर सीख रहीं हैं.

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जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्ट अप शुरू करने के पहले ले सकते हैं ट्रेनिंग

पहली ड्रोन पायलट पल्लवी: जबलपुर की पल्लवी अभी मात्र 32 साल की हैं और इन्होंने अपने करियर में दो बार स्विच किया है. पल्लवी ने 3 साल तक एक निजी बैंक में नौकरी की इसके बाद इन्होंने खुद का व्यापार शुरू करने का फैसला लिया. पल्लवी ने पुराने काम से बिल्कुल हटकर अपनी पसंद के अनुसार ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली. पल्लवी कहती हैं कि वह मध्य प्रदेश की पहली सर्टिफाइड महिला ड्रोन पायलट हैं. पल्लवी ने बताया कि ड्रोन चलाने के लिए ट्रेनिंग बहुत जरूरी है इसलिए वह जबलपुर में यह काम शुरू कर चुकी हैं जिसमें भी खुद ड्रोन मैन्युफैक्चर कर रही हैं.

बेरोजगारों के लिए प्रयास: गौरी श्रीवास्तव भी ऐसा ही अपना स्टार्टअप चला रही हैं. उनके पास बहुत ज्यादा बजट नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि से एक नया आइडिया डेवलप किया है.उन्होंने स्थानीय स्तर पर नौकरियों के मौके और बेरोजगारों को नौकरियां दिलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने का एक तरीका निकाला है. इसमें वह नौकरी खोजने वाले बेरोजगारों के बीच कंपनी और लोगों के लिए एक पुल की तरह काम कर रहीं हैं. उनका कहना है कि वह अपने काम को और बढ़ाने के लिए यहां ट्रेनिंग ले रही हैं.

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जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में ट्रेनिंग लेतीं लड़कियां

क्या कहती हैं इनक्यूबेशन सेंटर की मेंटर: इनक्यूबेशन सेंटर की मेंटर प्रीति चौधरी का कहना है कि स्मार्ट सिटी उद्योग भवन में यह सेंटर बीते 4 साल से चला रही हैं. इससे अब तक लगभग 350 से ज्यादा लोगों ने स्टार्टअप शुरू करने की ट्रेनिंग ली है. इनमें से बहुत से लोग सफल भी हुए हैं. इस बार यहां पर लगभग 45 से ज्यादा लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं जिनके अपने आइडिया हैं. वह यहां अपने आइडिया को डेवलप कर रही हैं. इनको लगभग 4 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी.

ये भी पढ़ें:

यदि आपके भी दिमाग में कोई बिजनेस आइडिया है लेकिन इसे आप एग्जीक्यूट नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सरकार के इनक्यूबेशन सेंटर की मदद लेनी चाहिए. यहां पर आम बेरोजगार के लिए भी बैठने की जगह मिलेगी, काम करने के लिए सलाह मिलेगी और यदि आपका बिजनेस आइडिया अच्छा हुआ तो आपको और भी मदद मिल सकती है.

जबलपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर में ट्रेनिंग लेते युवक-युवतियां

जबलपुर। पढ़ाई लिखाई के बाद ज्यादातर लोगों की उम्मीद होती है कि उन्हें एक सुरक्षित सरकारी नौकरी मिल जाती लेकिन सरकारी नौकरियां सीमित हैं. ऐसी स्थिति में लोग क्या करें इनके लिए एक जवाब है जबलपुर का इनक्यूबेशन सेंटर. यहां फिलहाल लगभग 45 लड़कियां पहुंची हैं जिनके दिमाग में गजब के बिजनेस आइडिया हैं इस इनक्यूबेशन सेंटर में इनके आइडिया को एक सफल व्यापार शुरू करने के पहले ट्रेनिंग दी जा रही है.इसमें से कुछ लड़कियां ऐसी हैं जो पहले से अपना स्टार्टअप शुरू कर चुकी हैं और वह अब इसे और बेहतर करने के लिए यहां व्यापार करने के हुनर सीख रहीं हैं.

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जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्ट अप शुरू करने के पहले ले सकते हैं ट्रेनिंग

पहली ड्रोन पायलट पल्लवी: जबलपुर की पल्लवी अभी मात्र 32 साल की हैं और इन्होंने अपने करियर में दो बार स्विच किया है. पल्लवी ने 3 साल तक एक निजी बैंक में नौकरी की इसके बाद इन्होंने खुद का व्यापार शुरू करने का फैसला लिया. पल्लवी ने पुराने काम से बिल्कुल हटकर अपनी पसंद के अनुसार ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली. पल्लवी कहती हैं कि वह मध्य प्रदेश की पहली सर्टिफाइड महिला ड्रोन पायलट हैं. पल्लवी ने बताया कि ड्रोन चलाने के लिए ट्रेनिंग बहुत जरूरी है इसलिए वह जबलपुर में यह काम शुरू कर चुकी हैं जिसमें भी खुद ड्रोन मैन्युफैक्चर कर रही हैं.

बेरोजगारों के लिए प्रयास: गौरी श्रीवास्तव भी ऐसा ही अपना स्टार्टअप चला रही हैं. उनके पास बहुत ज्यादा बजट नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि से एक नया आइडिया डेवलप किया है.उन्होंने स्थानीय स्तर पर नौकरियों के मौके और बेरोजगारों को नौकरियां दिलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने का एक तरीका निकाला है. इसमें वह नौकरी खोजने वाले बेरोजगारों के बीच कंपनी और लोगों के लिए एक पुल की तरह काम कर रहीं हैं. उनका कहना है कि वह अपने काम को और बढ़ाने के लिए यहां ट्रेनिंग ले रही हैं.

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जबलपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में ट्रेनिंग लेतीं लड़कियां

क्या कहती हैं इनक्यूबेशन सेंटर की मेंटर: इनक्यूबेशन सेंटर की मेंटर प्रीति चौधरी का कहना है कि स्मार्ट सिटी उद्योग भवन में यह सेंटर बीते 4 साल से चला रही हैं. इससे अब तक लगभग 350 से ज्यादा लोगों ने स्टार्टअप शुरू करने की ट्रेनिंग ली है. इनमें से बहुत से लोग सफल भी हुए हैं. इस बार यहां पर लगभग 45 से ज्यादा लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं जिनके अपने आइडिया हैं. वह यहां अपने आइडिया को डेवलप कर रही हैं. इनको लगभग 4 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी.

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यदि आपके भी दिमाग में कोई बिजनेस आइडिया है लेकिन इसे आप एग्जीक्यूट नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सरकार के इनक्यूबेशन सेंटर की मदद लेनी चाहिए. यहां पर आम बेरोजगार के लिए भी बैठने की जगह मिलेगी, काम करने के लिए सलाह मिलेगी और यदि आपका बिजनेस आइडिया अच्छा हुआ तो आपको और भी मदद मिल सकती है.

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