जबलपुर। जबलपुर मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से बिना अनुमति लिए दो सर्विस प्रोवाइडर्स ने अपनी वेबसाइट डेवलप कर ली है. जिसमें वे मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की ऑनलाइन सुविधाओं को मुहैया करवाने में लगे हैं, हालांकि इन सुविधाओं को मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय खुद भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर छात्रों को सुविधा दे रहा है, लेकिन इसके बाद भी दो नए सर्विस प्रोवाइडर बिना अनुमति के इस काम को करने लगे हैं.
मेडिकल यूनिवर्सिटी की साइबर टीम करेगी जांच: इस बात की जानकारी जब मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ पुष्पराज सिंह बघेल को मिली तो उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त किया. उनका कहना है कि उनकी जानकारी में यह नहीं है कि इन सर्विस प्रोवाइडर स्कोर डाटा कहां से मिला. ना ही इन लोगों ने कभी मेडिकल यूनिवर्सिटी से संपर्क करने की कोशिश की. पुष्पराज सिंह बघेल का कहना है कि यह हरकत पूरी तरह से गैरकानूनी है. इसके खिलाफ वे मेडिकल यूनिवर्सिटी की साइबर टीम के अलावा पुलिस की भी मदद लेंगे. कुछ ऐसी जानकारियां भी सामने आई है की इन वेबसाइट पर छात्रों ने पेमेंट भी किया है, जो मेडिकल यूनिवर्सिटी की फीस से ज्यादा है.
सर्विस प्रोवाइडर को मिले गोपनाय दस्तावेज: यह सर्विस प्रोवाइडर वेबसाइट मेडिकल यूनिवर्सिटी की डिग्री, ट्रांसक्रिप्ट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, नेम करेक्शन डॉक्यूमेंट, डुप्लीकेट मार्कशीट जैसी सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं. यहां सवाल यह खड़ा होता है की मेडिकल यूनिवर्सिटी के यह गोपनीय दस्तावेज इन सर्विस प्रोवाइडर को कैसे मिलेंगे. जिसका दावा यह कर रहे हैं, हालांकि अभी तक कोई भी ऐसा छात्र सामने नहीं आया है. जिसने इनकी सर्विस का फायदा लिया हो, लेकिन यदि इन्हें रोका नहीं गया तो छात्र इनके माया जाल में फंस सकते हैं. मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस बीडीएस नरसिंह पैरामेडिकल बीएचएमएस बीएएमएस जैसे कोर्सों के हजारों छात्र जुड़े हुए हैं.