जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक परिवार ने अपनी बेटी का जीते जी पिंडदान कर दिया. इसकी वजह गैर धर्म के युवक से विवाह करना है. परिजनों के समझाने के बावजूद भी युवती नहीं मानी और कोर्ट में जाकर मजिस्ट्रेट के समक्ष विवाह कर लिया. इसके बाद मुस्लिम रीति-रिवाजों के साथ 7 जून को अनामिका दुबे से उजमा फातिमा वन कर निकाह किया. इस बात से खफा होकर परिजनों ने शनिवार को जबलपुर के गौरीघाट में पिंडदान कर मृत्यु भोज भी करा दिया.
निधन का शोक संदेश छपवाया : दरअसल, जबलपुर के अमखेरा इलाके में रहने वाली अनामिका दुबे ने मोहम्मद अयाज नाम के युवक के साथ निकाह कर लिया था. शादी के बाद वह अनामिका दुबे से उजमा फातिमा बन गई. अपनी बेटी के इस फैसले से नाराज होकर परिजनों ने बेटी का परित्याग करते हुए उसके निधन का शोक संदेश का कार्ड भी छपवाया. जिसे अपने परिचितों और रिश्तेदारों में भेजकर उन्होंने नर्मदा तट पर आयोजित पिंडदान संस्कार में शामिल होने का न्योता दिया.
परिजनों में आक्रोश : नर्मदा तट गौरीघाट में पूरे विधिविधान के साथ परिवार जनों ने पिंडदान का संस्कार संपन्न कराया. परिजनों का कहना है कि बड़े ही लाड़ प्यार के साथ उन्होंने बेटी अनामिका की परवरिश की थी लेकिन उसने गैर धर्म के युवक के साथ निकाह कर पूरे परिवार की बदनामी कराई है. जिसके चलते उनके लिए अब उनकी बेटी के जिंदा रहने के कोई मायने नहीं रह गए. युवती के भाई अभिषेक दुबे का कहना है कि उसने अपनी बहन की शादी के लिए सपने संजोए थे, लेकिन उसकी ज़िद ने सारे सपने तोड़ दिए. कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसे दिन देखने पड़ेंगे कि जीते जी भी उसका पिंडदान करना पड़ेगा.
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परिजनों ने बताया कुपुत्री : बता दें कि अनामिका के इस फैसले से नाराज होकर परिजनों ने बेटी का परित्याग करते हुए उसके निधन का शोक संदेश छपवाया था. उन्होंने अपने रिश्तेदारों में शोक संदेश का कार्ड भेज कर नर्मदा तट पर आयोजित पिंडदान संस्कार में शामिल होने का न्योता दिया था. लड़की के परिजनों ने शोक संदेश में उसे कुपुत्री बताया और नरकगामी आत्मा को शांति प्रदान करने लोगों से पधारने की अपील की थी.