जबलपुर। एक युवक और युवती पुलिस अधीक्षक को अंतरजातीय विवाह की सूचना देने गये थे. पुलिस ने थाने में बयान दर्ज करने के बाद युवती को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था. शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर मुस्लिम युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पाॅल व जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने अनावेदक को नोटिस जारी करते हुए हिंदू लड़की को पेश करने के आदेश जारी किये हैं.
13 फरवरी को सुनवाई: जबलपुर निवासी मोहम्मद अख्तर मंसूरी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसने चेरीताल निवासी यादव समुदाय की लड़की के साथ साल 2020 में विवाह किया था. विवाह के बाद दोनों अपने घर में रहते थे. युवती डेढ़ माह पूर्व स्वेच्छा से अपना घर छोड़कर उसके साथ रहने लगी थी. अंतरजाति विवाह की सूचना देने वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय जबलपुर गये थे. पुलिस अधीक्षक ने दोनों को सिविल लाइन थाने में बयान दर्ज करवाने के निर्देश दिये थे. याचिका पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को निर्धारित की गयी है.
आदेश किए जारी: सिविल लाइन पुलिस ने बयान दर्ज करवाने के बाद युवती की इच्छा के खिलाफ उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया था. याचिका में कहा गया था कि युवती के पिता उसे जबरजस्ती बंधक बनाये हुए हैं. इस संबंध में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये हैं.