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आरिफ मसूद का भड़काऊ भाषण मामला, FIR और शिकायतकर्ता के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे विधायक, सरकार से जवाब तलब - जस्टिस सुजय पाल

भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने 4 नवंबर को दर्ज दूसरी एफआईआर रद्द करने की हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और शिकायतकर्ताओं को नोटिस भेजा है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

jabalpur high court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Dec 1, 2020, 9:00 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 9:57 PM IST

जबलपुर। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने एक ही प्रकरण में दूसरी FIR दर्ज किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने सहित कई धाराओं के तहत दर्ज दूसरी FIR को खारिज किया जाए. हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजॉय पाल की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

भोपाल के विधायक आरिफ मसूद की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्होंने फ्रांस सरकार के खिलाफ इकबाल मैदान में प्रदर्शन किया था. कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन और बिना अनुमति प्रदर्शन करने के आरोप में उनके खिलाफ पहली FIR 29 अक्टूबर को दर्ज हुई थी. इसके बाद अनावेदक डाॅ दीपक रघुवंशी की शिकायत पर उनके खिलाफ दूसरी FIR 4 नवंबर को धार्मिक भावना भड़काने की धारा 153 ए सहित कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.

पढ़ें- HC से जमानत के बाद बोले आरिफ मसूद- 'नहीं बिगड़ने दूंगा मध्य प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब'

याचिका में कहा गया था कि शिकायतकर्ता प्रदर्शन दल में नहीं था. इसके बावजूद भी उसकी शिकायात पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया. एक ही मामले में दो FIR दर्ज किया जाना विधि विरुद्ध है. प्रदर्शन उन्होंने धार्मिक भावना भड़काने और सरकार के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी. उनका विरोध प्रर्दशन फ्रांस सरकार के खिलाफ था. याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ दर्ज दूसरी रिपोर्ट विधि विरुद्ध होने के कारण प्रचलन योग्य नहीं है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को हाईकोर्ट से मिली जमानत, भड़काऊ भाषण देने के मामले में चल रहे थे फरार

याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को पूर्व में अग्रिम जमानत का लाभ हाईकोर्ट से मिल गया है. याचिका में राज्य सरकार और डाॅ दीपक रघुवंशी को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. अनुवादकों में राज्य सरकार भी शामिल है.

जानिए पूरा मामला
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने राजधानी के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन में केवल 30 लोगों को ही अनुमति दी गई थी, लेकिन देखते ही देखते इकबाल मैदान पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. लिहाजा इस मामले पर आरिफ मसूद के खिलाफ धारा-188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. वहीं दूसरी एफआईआर गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप आरिफ मसूद पर लगाए गए थे. इस मामले में 6 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

जबलपुर। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने एक ही प्रकरण में दूसरी FIR दर्ज किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने सहित कई धाराओं के तहत दर्ज दूसरी FIR को खारिज किया जाए. हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजॉय पाल की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

भोपाल के विधायक आरिफ मसूद की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्होंने फ्रांस सरकार के खिलाफ इकबाल मैदान में प्रदर्शन किया था. कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन और बिना अनुमति प्रदर्शन करने के आरोप में उनके खिलाफ पहली FIR 29 अक्टूबर को दर्ज हुई थी. इसके बाद अनावेदक डाॅ दीपक रघुवंशी की शिकायत पर उनके खिलाफ दूसरी FIR 4 नवंबर को धार्मिक भावना भड़काने की धारा 153 ए सहित कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.

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याचिका में कहा गया था कि शिकायतकर्ता प्रदर्शन दल में नहीं था. इसके बावजूद भी उसकी शिकायात पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया. एक ही मामले में दो FIR दर्ज किया जाना विधि विरुद्ध है. प्रदर्शन उन्होंने धार्मिक भावना भड़काने और सरकार के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी. उनका विरोध प्रर्दशन फ्रांस सरकार के खिलाफ था. याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ दर्ज दूसरी रिपोर्ट विधि विरुद्ध होने के कारण प्रचलन योग्य नहीं है.

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याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को पूर्व में अग्रिम जमानत का लाभ हाईकोर्ट से मिल गया है. याचिका में राज्य सरकार और डाॅ दीपक रघुवंशी को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. अनुवादकों में राज्य सरकार भी शामिल है.

जानिए पूरा मामला
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने राजधानी के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन में केवल 30 लोगों को ही अनुमति दी गई थी, लेकिन देखते ही देखते इकबाल मैदान पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. लिहाजा इस मामले पर आरिफ मसूद के खिलाफ धारा-188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. वहीं दूसरी एफआईआर गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप आरिफ मसूद पर लगाए गए थे. इस मामले में 6 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

Last Updated : Dec 1, 2020, 9:57 PM IST
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