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MP High Court News: डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के मामले की सुनवाई, विभागीय जांच पूरी कर इस्तीफा पर फैसला ले सरकार

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 8:48 AM IST

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (Deputy Collector Nisha Bangre) के खिलाफ लंबित जांच पूरी कर उनके इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जारी किए हैं. सरकार की तरफ से दायर अपील और डिप्टी कलेक्टर की तरफ से दायर याचिका की संयुक्त सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए.

MP High Court News
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के मामले की सुनवाई

जबलपुर। छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर तैनात डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने सरकार से संतान पालन के लिए अवकाश लिया था. इस दौरान आमला में अपने नवनिर्मित घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम और सर्वधर्म शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने अनुमति मांगी थी. सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें अनुमति नहीं दी, जिससे नाराज होकर उन्होंने इसी साल 22 जून को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया था. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 24 जनवरी 1973 को पारित मेमो के अंतर्गत सरकार को अधिकारी का इस्तीफे पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए. Deputy Collector Nisha Bangre

हाईकोर्ट ने पहले ये आदेश दिया : याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 दिनों के अंदर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किये थे. निर्धारित अवधि गुजर जाने के बावजूद भी इस्तीफे पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने के खिलाफ डिप्टी कलेक्टर ने हाईकोर्ट की शरण ली. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के बताया गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है और आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति भी आवश्यक है. याचिकाकर्ता की तरफ से विभागीय जांच में लगाये गये आरोप स्वीकार कर लिये गये हैं. इसके बावजूद उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. Deputy Collector Nisha Bangre

सरकार ने ये तर्क दिए : याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 10 दिन में इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किये थे. सरकार की तरफ से उक्त आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी थी. अपील में कहा गया था कि विभागीय जांच की सभी औपचारिता 10 दिन में पूर्ण नहीं हो सकती. आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति, संबंधित व्यक्तिों के बयान, जांच सहित सभी कार्रवाई आवश्यक है. युगलपीठ ने सरकार की अपील तथा डिप्टी कलेक्टर की याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई की गयी. Deputy Collector Nisha Bangre

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याचिकाकर्ता के तर्क : सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उसके खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं है. छुट्टी के दुरुपयोग का आरोप है और उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है. विभागीय जांच लंबित रहने के दौरान इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है. इस्तीफ पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए. आग्रह को अस्वीकार करते हुए युगलपीठ ने विभागीय जांच पूरी कर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए. Deputy Collector Nisha Bangre

जबलपुर। छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर तैनात डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने सरकार से संतान पालन के लिए अवकाश लिया था. इस दौरान आमला में अपने नवनिर्मित घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम और सर्वधर्म शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने अनुमति मांगी थी. सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें अनुमति नहीं दी, जिससे नाराज होकर उन्होंने इसी साल 22 जून को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया था. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 24 जनवरी 1973 को पारित मेमो के अंतर्गत सरकार को अधिकारी का इस्तीफे पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए. Deputy Collector Nisha Bangre

हाईकोर्ट ने पहले ये आदेश दिया : याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 दिनों के अंदर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किये थे. निर्धारित अवधि गुजर जाने के बावजूद भी इस्तीफे पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने के खिलाफ डिप्टी कलेक्टर ने हाईकोर्ट की शरण ली. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के बताया गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है और आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति भी आवश्यक है. याचिकाकर्ता की तरफ से विभागीय जांच में लगाये गये आरोप स्वीकार कर लिये गये हैं. इसके बावजूद उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. Deputy Collector Nisha Bangre

सरकार ने ये तर्क दिए : याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 10 दिन में इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किये थे. सरकार की तरफ से उक्त आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी थी. अपील में कहा गया था कि विभागीय जांच की सभी औपचारिता 10 दिन में पूर्ण नहीं हो सकती. आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति, संबंधित व्यक्तिों के बयान, जांच सहित सभी कार्रवाई आवश्यक है. युगलपीठ ने सरकार की अपील तथा डिप्टी कलेक्टर की याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई की गयी. Deputy Collector Nisha Bangre

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याचिकाकर्ता के तर्क : सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उसके खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं है. छुट्टी के दुरुपयोग का आरोप है और उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है. विभागीय जांच लंबित रहने के दौरान इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है. इस्तीफ पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए. आग्रह को अस्वीकार करते हुए युगलपीठ ने विभागीय जांच पूरी कर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए. Deputy Collector Nisha Bangre

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