जबलपुर। केंद्र सरकार ने बसों में जीपीएस तथा पैनिक बटन की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए थे. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस एम एस भट्टी की एकलपीठ को बताया गया कि राजस्थान में जीपीएस व पैनिक बटन लगाने का चार्ज 32 सौ रुपए है. मध्य प्रदेश में लगभग 14 हजार रुपए लिया जा रहा है. एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए आदेश जारी किए है कि प्रतिनिधिमंडल दर निर्धारण के संबंध में परिवहन आयुक्त के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करें. परिवहन आयुक्त 45 दिनों की निर्धारित समय अवधि में निर्णय लें.
4 कंपनियां हुई अधिकृत: भोपाल निवासी सुरेश साहू सहित अन्य बस ऑपरेटर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार ने बसों में जीपीएस तथा पैनिक बटन अनिर्वाय रूप से लगाने का आदेश जारी किया था. जीपीएस व पैनिक बटन नहीं होने पर परमिट तथा फिटनेश सार्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सिस्टम लगाने के लिए चार कंपनी को अधिकृत किया था. सिर्फ चार कंपनियों को अधिकृत किए जाने के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गई थी.
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याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश किए गए जवाब में बताया गया कि 15 अन्य कंपनियों को भी अधिकृत कर दिया गया है. याकिचाकर्ताओं की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि राजस्थान में 32 सौ रूपये जीपीएस व पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में इसके लिए लगभग 14 हजार रुपए लिए जा रहे है. एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आशीस रावत ने पैरवी की.