जबलपुर। नर्मदा नदी के पास अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ से सरकार ने समय प्रदान करने के आग्रह किया. कोर्ट ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 12 सितम्बर को निर्धारित की है. गौरतलब है कि दयोदय सेवा केन्द्र द्वारा नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा डिण्डौरी में बिना अनुमति नर्मदा नदी के लगभग 50 मीटर के दायरे में बहुमंजिला मकान बनाये जाने को भी चुनौती दी गयी थी.
जलभराव से तीन सौ मीटर का निर्धारण हो : इसके अलावा एक अवमानना याचिका सहित तीन अन्य संबंधित मामले को लेकर याचिकाएं दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि जबलपुर में साल 2008 के बाद नर्मदा नदी के तीस सौ मीटर दायरे में तिलवाराघाट, ग्वारीघाट, जिलहेरीघाट, रमनगरा, गोपालपुर, दलपतपुर, भेड़ाघाट में कुल 75 अतिक्रमण पाये गए हैं. जिसमें से 41 निजी भूमि पर, 31 शासकीय भूमि तथा 3 आबादी भूमि में पाये गये हैं. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से तर्क पेश किया गया था कि नदी के अधिकतम जलभराव क्षेत्र से तीन सौ मीटर का निर्धारण होना चाहिए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंकित साहू ने पैरवी की.
डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट समय पर क्यों नहीं : डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने पर लेटतलीफी होने के संबंधित संज्ञान याचिका में जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह का समय प्रदान किया है. याचिका में कहा गया था कि देर से रिपोर्ट आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई के देरी होती है. याचिका पर अगली सुनवाई 16 अगस्त को निर्धारित की गई है.