ETV Bharat / state

MP High Court: हथियार के साथ ही शरीर के किसी अंग में आई चोट से निर्धारित होता है हत्या का प्रयास का अपराध, याचिका खारिज

मध्यप्रदश हाईकोर्ट जबलपुर में हत्या के प्रयास धारा 307 के केस में दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके साथ ही कोर्ट ने इस धारा 307 के बारे में व्याख्या की. हाई कोर्ट ने जिला न्यायालय के आदेश को सही ठहराया.

MP High Court
307 के केस में दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज किया
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 12, 2023, 2:46 PM IST

जबलपुर। मेडिकल जांच में चोट घातक नहीं होने के बावजूद धारा 307 के तहत न्यायालय द्वारा आरोप तय किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी. जस्टिस एके पालीवाल की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश कहा है कि अपराध में उपयोग किये गये हथियार तथा शरीर के किस अंग में चोट पहुंचाई गयी है, उसकी प्रकृति के आधार पर हत्या के प्रयास निर्धारित किया जाता है.

याचिका में ये कहा : याचिकाकर्ता राजेश तिवारी निवासी भोपाल की तरफ से दायर की गयी पुनरीक्षण याचिका में कहा गया था कि उसके खिलाफ थाना अशोका गार्डन में धारा 307, 324, 506, 34 तथा 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. सीटी स्केन तथा मेडिकल रिपोर्ट में अनुसार पीड़ित को आई चोट से उसकी जान को कोई खतरा नहीं था. इसके बावजूद जिला न्यायालय ने धारा 307 के तहत आरोप तय कर दिए. इसके खिलाफ उसने अपील दायर की थी. अपील के खारिज होने के कारण उक्त पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी है.

ये खबरें भी पढ़ें...

जिला न्यायालय को सही ठहराया : अपील की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि कार में टक्कर लगने के कारण याचिकाकर्ता ने गालीगलौज करते हुए पीड़ित के सिर व गर्दन में चाकू से प्रहार किया. बीचबचाव करने आये उसके साथी पर भी चाकू से प्रहार किया गया. दोनों जब भागने लगे तो याचिकाकर्ता ने उनका पीछा करते हुए पीठ में प्रहार किया. एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोप को सही करार देते हुए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया.

जबलपुर। मेडिकल जांच में चोट घातक नहीं होने के बावजूद धारा 307 के तहत न्यायालय द्वारा आरोप तय किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी. जस्टिस एके पालीवाल की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश कहा है कि अपराध में उपयोग किये गये हथियार तथा शरीर के किस अंग में चोट पहुंचाई गयी है, उसकी प्रकृति के आधार पर हत्या के प्रयास निर्धारित किया जाता है.

याचिका में ये कहा : याचिकाकर्ता राजेश तिवारी निवासी भोपाल की तरफ से दायर की गयी पुनरीक्षण याचिका में कहा गया था कि उसके खिलाफ थाना अशोका गार्डन में धारा 307, 324, 506, 34 तथा 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. सीटी स्केन तथा मेडिकल रिपोर्ट में अनुसार पीड़ित को आई चोट से उसकी जान को कोई खतरा नहीं था. इसके बावजूद जिला न्यायालय ने धारा 307 के तहत आरोप तय कर दिए. इसके खिलाफ उसने अपील दायर की थी. अपील के खारिज होने के कारण उक्त पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी है.

ये खबरें भी पढ़ें...

जिला न्यायालय को सही ठहराया : अपील की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि कार में टक्कर लगने के कारण याचिकाकर्ता ने गालीगलौज करते हुए पीड़ित के सिर व गर्दन में चाकू से प्रहार किया. बीचबचाव करने आये उसके साथी पर भी चाकू से प्रहार किया गया. दोनों जब भागने लगे तो याचिकाकर्ता ने उनका पीछा करते हुए पीठ में प्रहार किया. एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोप को सही करार देते हुए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.