ETV Bharat / state

MP High Court: धार जिले में बाओबाब वृक्ष काटने व परिवाहन पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई

जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने धार जिले में बाओबाब वृक्ष के काटने तथा परिवाहन पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जबाव मांगते हुए अगली सुनवाई जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है.

MP High Court
धार जिले में बाओबाब वृक्ष के काटने व परिवाहन पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई
author img

By

Published : May 16, 2023, 8:02 AM IST

जबलपुर। धार जिले में बाओबाब के पेड़ काटने, बेचने व परिवहन की अनुमति दिये जाने के संबंध में एक अखबार में खबर प्रकाशित की गई थी. इसमें बताया गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं. बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गयी है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है. हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फर्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए कटाई कर बेच रहा है. इसके एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है.

जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी : पेड़ की कीमत ज्यादा होने के कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ों को बेचने के लिए काट रहे हैं. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये थे. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ों की कटाई, बिक्री तथा परिवाहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस जारी किये हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या : जबलपुर हाईकोर्ट ने हमने अहम फैसले में कहा है कि दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या के दायरे में आता है. हाईकोर्ट जस्टिस आरके वर्मा ने सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया. एकलपीठ ने जमानत निरस्त करते हुए जिला न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण के आदेश दिये हैं. रीवा निवासी वफत मोहम्मत की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसका विवाह अप्रैल 1995 में हुआ था. उसकी पत्नी की मौत संदिग्ध परिस्थिति में मार्च 1996 में जलने के कारण हो गयी थी. घटना के समय वह पिता के साथ खेत में काम कर रहा था. पुलिस ने उसके खिलाफ न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था. न्यायालय ने साल दिसम्बर 1998 में धारा 304 बी के तहत सात साल तथा धारा 498 ए के तहत एक साल की सजा से दंडित किया था. जिसके खिलाफ उक्त अपील दायर की गयी.

जबलपुर। धार जिले में बाओबाब के पेड़ काटने, बेचने व परिवहन की अनुमति दिये जाने के संबंध में एक अखबार में खबर प्रकाशित की गई थी. इसमें बताया गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं. बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गयी है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है. हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फर्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए कटाई कर बेच रहा है. इसके एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है.

जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी : पेड़ की कीमत ज्यादा होने के कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ों को बेचने के लिए काट रहे हैं. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये थे. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ों की कटाई, बिक्री तथा परिवाहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस जारी किये हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या : जबलपुर हाईकोर्ट ने हमने अहम फैसले में कहा है कि दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या के दायरे में आता है. हाईकोर्ट जस्टिस आरके वर्मा ने सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया. एकलपीठ ने जमानत निरस्त करते हुए जिला न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण के आदेश दिये हैं. रीवा निवासी वफत मोहम्मत की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसका विवाह अप्रैल 1995 में हुआ था. उसकी पत्नी की मौत संदिग्ध परिस्थिति में मार्च 1996 में जलने के कारण हो गयी थी. घटना के समय वह पिता के साथ खेत में काम कर रहा था. पुलिस ने उसके खिलाफ न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था. न्यायालय ने साल दिसम्बर 1998 में धारा 304 बी के तहत सात साल तथा धारा 498 ए के तहत एक साल की सजा से दंडित किया था. जिसके खिलाफ उक्त अपील दायर की गयी.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.