जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी ने महाकौशल के नरसिंहपुर, जबलपुर, बालाघाट, डिंडोरी और मंडला में ओके घोषणा की है. यहां भारतीय जनता पार्टी ने तमाम प्रभावशाली नेताओं को बिना नाराज किए हुए उनके समर्थकों को टिकट दिया है. वहीं, कुछ नए कार्यकर्ताओं को भी मैदान में उतारा है, बल्कि बालाघाट में भारतीय जनता पार्टी से बगावत करके आप पार्टी में शामिल हुए कार्यकर्ता को भी टिकट दिया गया है.
नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल की पसंद: भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव की अपनी पहली लिस्ट में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से महेंद्र नागेश को टिकट दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि महेंद्र नागेश भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल के चहेते हैं.
कैलाश जाटव से किया किनारा, सांसद राकेश सिंह की चली: वहीं, गोटेगांव के पूर्व विधायक मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जाटव को ना तो गोटेगांव से टिकट मिला और न ही उन्हें जबलपुर पूर्व से मैदान में उतारा गया. इस तरीके से लगता है कि कैलाश जाटव पर पार्टी ने भरोसा नहीं जताया है. वहीं, जबलपुर में बरगी विधानसभा से नीरज सिंह को और जबलपुर पूर्व से अंचल सोनकर को मैदान में उतारा गया है और यह दोनों ही टिकट सांसद राकेश सिंह के समन्वय से दिया गया है.
डिंडोरी में ओम प्रकाश धुर्वे पर भरोसा: महाकौशल का एक छोटा आदिवासी जिला डिंडोरी भी बीते कुछ दिनों से चर्चा में था जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में ओम प्रकाश धुर्वे को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था. अब ओम प्रकाश धुर्वे को डिंडोरी की शाहपुरा विधानसभा से दोबारा मैदान में उतारा गया है. हालांकि, ओम प्रकाश धुर्वे पिछली बार चुनाव हार गए थे. ओम प्रकाश धुर्वे भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
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बालाघाट में रूठों को मनाया: भारतीय जनता पार्टी ने लांजी विधानसभा में एक नया प्रयोग किया है और अपने रूठे हुए सदस्य को मनाने का काम किया है. यहां पार्टी ने राजकुमार कर्राए को टिकट दिया है, जबकि राजकुमार ने बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी छोड़कर 'आप' की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. वे अभी कुछ दिन पहले ही दोबारा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने थे. बालाघाट के ही बरघाट से एक बार फिर पूर्व विधायक कमल मस्कोले को पार्टी ने टिकट दिया है, जबकि 2018 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव मैदान में नहीं उतारा था.
चुनाव के बहुत पहले टिकट की घोषणा:भारतीय जनता पार्टी ने पहली लिस्ट में उन विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं जहां भारतीय जनता पार्टी पिछला चुनाव हारी थी और इसमें एक तर्क दिया जा रहा है कि चुनाव के बहुत पहले टिकट की घोषणा करने से जिन उम्मीदवारों को टिकट मिला है उन्हें अपना क्षेत्र मजबूत करने का मौका मिल जायेगा. हालांकि, इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिला है उन्हें भी बगावत करने का पूरा अवसर मिलेगा.