ETV Bharat / state

MP Court News: महिला यौन शोषण मामले में सुनवाई, सिर्फ ट्रिब्यूनल व कोर्ट में दे सकते हैं जांच कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती

महिलाओं से यौन शोषण मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि जांच कमेटी सिर्फ ट्रिब्यूनल व कोर्ट में चुनौती दे सकते है.

MP Court News
एमपी कोर्ट न्यूज
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 10:35 PM IST

जबलपुर। कार्यस्थल में महिलाओं से यौन शोषण मामले में अपील की सुनवाई विभागीय स्तर पर नहीं हो सकती है. जांच कमेटी की रिपोर्ट को सिर्फ ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ अपील पर पारित किये गये आदेश को निरस्त कर दिया है.

जांच रिपोर्ट को माना दोषी: पुलिस अधिकारी मुकेश खम्परिया की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि अगस्त 2016 से मार्च 2017 तक नरसिंहपुर जिले के गाडरवाडा थाने में एसएचओ के पद पर पदस्थ थे. अधीनस्थ कार्यरत महिला एसआई ने उनके खिलाफ कार्यस्थल में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. एक्ट में दिये गये प्रावधानों के तहत जांच के लिए कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने पाया उसके पक्ष में रिपोर्ट पेश की थी. कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ महिला एएसआई ने पुलिस मुख्यालय में अभ्यावेदन दिया. पुलिस मुख्यालय द्वारा जून 2018 में एडीजीपी को जांच के निर्देश दिये. एडीजीपी ने जांच रिपोर्ट को दोषी माना है.

यहां पढ़ें...

कमेटी की रिपोर्ट को ट्रिब्यूनल व कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती: याचिका में कहा गया था कि घटना के तीन माह के अंदर शिकायत करना आवश्यक है. उसके खिलाफ शिकायत मार्च 2017 में की गयी और घटना की तारीख अक्टूबर 2016 बताई गयी. एक्ट में दिये गये प्रावधान के अनुसार जांच कमेटी की रिपोर्ट को सिर्फ ट्रिब्यूनल व कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. महिला एसआई उसके अधीनस्थ कार्यरत थी और कार्य में लापरवाही करती थी. उसने महिला एसआई को चेतवानी देते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके कारण उसके खिलाफ महिला एसआई ने आरोप लगाये थे. एकलपीठ महिला एसआई की अपील पर विभागीय स्तर की गयी जांच को निरस्त करते हुए उक्त आदेष जारी किये.

जबलपुर। कार्यस्थल में महिलाओं से यौन शोषण मामले में अपील की सुनवाई विभागीय स्तर पर नहीं हो सकती है. जांच कमेटी की रिपोर्ट को सिर्फ ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ अपील पर पारित किये गये आदेश को निरस्त कर दिया है.

जांच रिपोर्ट को माना दोषी: पुलिस अधिकारी मुकेश खम्परिया की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि अगस्त 2016 से मार्च 2017 तक नरसिंहपुर जिले के गाडरवाडा थाने में एसएचओ के पद पर पदस्थ थे. अधीनस्थ कार्यरत महिला एसआई ने उनके खिलाफ कार्यस्थल में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. एक्ट में दिये गये प्रावधानों के तहत जांच के लिए कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने पाया उसके पक्ष में रिपोर्ट पेश की थी. कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ महिला एएसआई ने पुलिस मुख्यालय में अभ्यावेदन दिया. पुलिस मुख्यालय द्वारा जून 2018 में एडीजीपी को जांच के निर्देश दिये. एडीजीपी ने जांच रिपोर्ट को दोषी माना है.

यहां पढ़ें...

कमेटी की रिपोर्ट को ट्रिब्यूनल व कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती: याचिका में कहा गया था कि घटना के तीन माह के अंदर शिकायत करना आवश्यक है. उसके खिलाफ शिकायत मार्च 2017 में की गयी और घटना की तारीख अक्टूबर 2016 बताई गयी. एक्ट में दिये गये प्रावधान के अनुसार जांच कमेटी की रिपोर्ट को सिर्फ ट्रिब्यूनल व कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. महिला एसआई उसके अधीनस्थ कार्यरत थी और कार्य में लापरवाही करती थी. उसने महिला एसआई को चेतवानी देते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके कारण उसके खिलाफ महिला एसआई ने आरोप लगाये थे. एकलपीठ महिला एसआई की अपील पर विभागीय स्तर की गयी जांच को निरस्त करते हुए उक्त आदेष जारी किये.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.