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एमपी कैबिनेट मीटिंग से जबलपुर को क्या मिला, कांग्रेस ने क्यों उठाए सवाल - कांग्रेस ने उठा सवाल

MP Cabinet meeting jabalpur : जबलपुर में कैबिनेट की मीटिंग को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि इस मीटिंग से जबलपुर को क्या लाभ हुआ. कौन सी विकास योजनाएं स्वीकृत की गईं. इसके अलावा जबलपुर क्षेत्र में कम बजट पारित करने का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है.

MP Cabinet meeting jabalpur
एमपी कैबिनेट मीटिंग जबलपुर, कांग्रेस ने उठाए सवाल
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 3:38 PM IST

एमपी कैबिनेट मीटिंग जबलपुर, कांग्रेस ने उठाए सवाल

जबलपुर। डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल की तीसरी कैबिनेट बैठक जबलपुर में हुई. लेकिन इसका कोई फायदा जबलपुर शहर को नहीं हुआ. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कम पैसे में महाकौशल का विकास नहीं हो सकता. जबलपुर के अधिकारियों ने जो प्रेजेंटेशन दिया, उसके आधार पर कोई घोषणा नहीं हुई. जबलपुर के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने विकास का प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें आने वाले समय में जबलपुर की जरूरत को बताया गया था.

कहां है जबलपुर का रोडमैप : जब यह प्रेजेंटेशन दिया गया था, तब जबलपुर से मोहन सरकार में मंत्री राकेश सिंह ने भी इसे जबलपुर के विकास का रोड मैप बताया था. लेकिन जब कैबिनेट की ब्रीफिंग खत्म हुई तब जबलपुर और महाकौशल के विकास से जुड़ी किसी योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में कैबिनेट की बैठक जरूर की लेकिन ऐसा महसूस नहीं हुआ कि इससे जबलपुर का कोई विकास होने वाला है. जबलपुर पूर्व से कांग्रेस विधायक और कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया का कहना है कि वे इस बात का तो स्वागत कर रहे हैं कि जबलपुर में एक बार फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई गई.

क्या बोले लखन घनघोरिया : लखन घनघोरिया ने इस बात पर आपत्ति है कि यदि महाकौशल के विकास के लिए डॉ. मोहन यादव की सरकार ने बहुत कम पैसा रखा है. यह ऊंट के मुंह में जीरे जैसी बात है. इतने कम पैसे में महाकौशल का विकास नहीं हो सकता. लखन घनघोरिया का कहना है कि कमलनाथ सरकार के जमाने में जबलपुर को लगभग 3000 करोड़ रुपये विकास कामों के लिए देने का प्रस्ताव रखा गया था. जबलपुर के आईटीआई तिराहे पर एक ओवर ब्रिज के अलावा जबलपुर शहर के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं की गई जो जबलपुर के लोगों के लिए निराशाजनक है.

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अफसरों को चेतावनी : वहीं, डॉ. मोहन यादव ने जिस तरीके से ड्राइवर के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल को तुरंत पद से हटा दिया, इससे यह संदेश गया है कि यदि आम आदमी से कोई अधिकारी बेवजह बदतमीजी करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. जबलपुर में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भी यही बात दोहराई कि यदि अधिकारी गलत काम करेंगे तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

एमपी कैबिनेट मीटिंग जबलपुर, कांग्रेस ने उठाए सवाल

जबलपुर। डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल की तीसरी कैबिनेट बैठक जबलपुर में हुई. लेकिन इसका कोई फायदा जबलपुर शहर को नहीं हुआ. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कम पैसे में महाकौशल का विकास नहीं हो सकता. जबलपुर के अधिकारियों ने जो प्रेजेंटेशन दिया, उसके आधार पर कोई घोषणा नहीं हुई. जबलपुर के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने विकास का प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें आने वाले समय में जबलपुर की जरूरत को बताया गया था.

कहां है जबलपुर का रोडमैप : जब यह प्रेजेंटेशन दिया गया था, तब जबलपुर से मोहन सरकार में मंत्री राकेश सिंह ने भी इसे जबलपुर के विकास का रोड मैप बताया था. लेकिन जब कैबिनेट की ब्रीफिंग खत्म हुई तब जबलपुर और महाकौशल के विकास से जुड़ी किसी योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में कैबिनेट की बैठक जरूर की लेकिन ऐसा महसूस नहीं हुआ कि इससे जबलपुर का कोई विकास होने वाला है. जबलपुर पूर्व से कांग्रेस विधायक और कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया का कहना है कि वे इस बात का तो स्वागत कर रहे हैं कि जबलपुर में एक बार फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई गई.

क्या बोले लखन घनघोरिया : लखन घनघोरिया ने इस बात पर आपत्ति है कि यदि महाकौशल के विकास के लिए डॉ. मोहन यादव की सरकार ने बहुत कम पैसा रखा है. यह ऊंट के मुंह में जीरे जैसी बात है. इतने कम पैसे में महाकौशल का विकास नहीं हो सकता. लखन घनघोरिया का कहना है कि कमलनाथ सरकार के जमाने में जबलपुर को लगभग 3000 करोड़ रुपये विकास कामों के लिए देने का प्रस्ताव रखा गया था. जबलपुर के आईटीआई तिराहे पर एक ओवर ब्रिज के अलावा जबलपुर शहर के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं की गई जो जबलपुर के लोगों के लिए निराशाजनक है.

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अफसरों को चेतावनी : वहीं, डॉ. मोहन यादव ने जिस तरीके से ड्राइवर के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल को तुरंत पद से हटा दिया, इससे यह संदेश गया है कि यदि आम आदमी से कोई अधिकारी बेवजह बदतमीजी करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. जबलपुर में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भी यही बात दोहराई कि यदि अधिकारी गलत काम करेंगे तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

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