जबलपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के प्रचार का शोर थम गया है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार का शोर जबलपुर से ही शुरू हुआ था जब सबसे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लाड़ली बहना योजना का आगाज जबलपुर के गैरिसन मैदान में किया था. उसी दिन से ही मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई थी. कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव के प्रचार को शुरू करने के लिए जबलपुर को ही चुना था और प्रियंका गांधी जबलपुर आई थीं. उन्होंने ग्वारीघाट में सबसे पहले नर्मदा पूजन किया था और इसके बाद जबलपुर के गोल बाजार में एक सभा को संबोधित किया था. इस तरह दोनों ही मुख्य पार्टियों ने विधानसभा चुनाव 2023 का चुनाव प्रचार जबलपुर से ही शुरू किया था. (Curtain down on MP Poll Campaign)
बीजेपी ने लगाया एड़ी चोटी का जोर: इसके बाद जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी के तमाम स्टार प्रचारक आए इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा गैरिसन मैदान में हुई जिसमें न केवल जबलपुर बल्कि आसपास के आदिवासी इलाकों के प्रत्याशियों को भी बुलाया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने जबलपुर में पश्चिम विधानसभा में एक सभा को संबोधित किया. मध्य और पूर्व विधानसभा में रोड शो का आयोजन किया.
भाजपा के ये स्टार प्रचारक भी जबलपुर पहुंचे: वहीं, स्मृति ईरानी जबलपुर की कैंट विधानसभा में चुनाव प्रचार करने पहुंचीं. बॉलीवुड के अभिनेता तो नहीं आए लेकिन भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन जरूर चुनाव प्रचार करने जबलपुर पहुंचे. बीते दो महीना में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार में एड़ी चोटी का जोर लगाया और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा शर्मा, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री भूपेंद्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो जबलपुर जिले की हर विधानसभा में सभाएं ली और चुनाव प्रचार किया. कुछ जगहों पर उनके रोड शो भी हुए. अंतिम चुनाव प्रचार के रूप में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने उत्तर विधानसभा में एक रोड शो किया.
कांग्रेस की ओर से गांधी परिवार: कांग्रेस ने भी चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और अपने सबसे बड़े नेता राहुल गांधी को जबलपुर में जबलपुर पश्चिम मध्य और पूर्व विधानसभा में रोड शो के लिए बुलाया. प्रियंका गांधी ने जबलपुर के ग्वारीघाट में पूजन अर्चन किया और गोल बाजार में एक सभा को भी संबोधित किया, लेकिन इनके अलावा कांग्रेस के कोई स्टार प्रचारक जबलपुर नहीं आए. कुछ प्रवक्ताओं ने जरूर मीडिया के साथ बात की, लेकिन वह चुनाव प्रचार में नहीं गए. कांग्रेस के नेताओं ने अपनी दम पर चुनाव लड़ा.
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बहरहाल, अब चुनावी शोरगुल शांत हो गया है और अब प्रत्याशी बिना हल्ला गुल्ला के व्यक्तिगत प्रचार कर सकते हैं. प्रचार प्रसार के जरिए दोनों ही पार्टियों ने अपने एजेंडे जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है अब देखना यह होगा की जनता किस पर भरोसा जताती है. हालांकि, नेताओं ने मंचों से जनता को भरोसा दिलाया है कि आने वाले दिनों में भी उनकी हर दु:ख तकलीफ खत्म कर देंगे.