जबलपुर। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में नरसिंहपुर से विधानसभा सदस्य बने प्रहलाद पटेल को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. हालांकि प्रहलाद पटेल इसके पहले केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वे अपने जीवन काल में पहली बार राज्य सरकार में मंत्री पद संभालेंगे. प्रहलाद पटेल केवल नरसिंहपुर ही नहीं बल्कि पूरे महाकौशल और बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करते हैं.
किसान के बेटे की सफल कहानी: प्रहलाद सिंह पटेल के पिता एक किसान हैं और वह नरसिंहपुर के गोटेगांव नाम के कस्बे में रहते हैं. यहीं से प्रहलाद सिंह पटेल की प्राथमिक शिक्षा हुई थी. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वे जबलपुर आ गए. जबलपुर में साइंस कॉलेज में उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई शुरू की. यहीं से उन्होंने राजनीति भी शुरू कर दी थी और वह रॉबर्ट सन साइंस कॉलेज की छात्र राजनीति में सुर्खियों में आने लगे थे. साइंस कॉलेज के बाद प्रहलाद सिंह पटेल रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में सक्रिय हुए.
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#WATCH | Bhopal: Madhya Pradesh cabinet minister Prahlad Singh Patel says, "On the birth anniversary of former PM Atal Bihari Vajpayee, I have got the opportunity to work for my state. I would like to thank the central and the state leadership for it..." pic.twitter.com/WnHDsZwkos
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यहां प्रहलाद पटेल छात्र संघ के अध्यक्ष थे. इसी दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को भी ज्वाइन कर लिया था. प्रहलाद पटेल ने साइंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने वकालत की पढ़ाई की और दर्शनशास्त्र में एम ए भी किया है.
प्रहलाद पटेल का राजनीतिक करियर: प्रहलाद पटेल ने 1982 में ही प्रहलाद पटेल भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बन गए थे. इसके बाद अलग-अलग पदों पर रहते हुए, पहली बार उन्होंने 1989 में मात्र 29 साल की उम्र में भारतीय जनता पार्टी ने प्रहलाद सिंह पटेल को सिवनी लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया था. उन्होंने पहले ही चुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद में 1996 में दूसरी बार सिवनी लोकसभा से ही चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की, लेकिन इसके बाद परिसीमन में सिवनी संसदीय क्षेत्र समाप्त हो गया था.
1999 में उन्होंने अपना क्षेत्र छोड़कर बालाघाट से लोकसभा चुनाव लड़ा और भी यहां से भी चुनाव जीतकर लोकसभा के सदस्य बने. इसी दौरान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 24 में 2003 को प्रहलाद पटेल को पहली बार केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री बनाया गया था.
कमलनाथ से चुनाव हारे: 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रहलाद पटेल को छिंदवाड़ा लोकसभा से कमलनाथ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार गया था, हालांकि वे इस चुनाव में जीते नहीं थे, लेकिन उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थी.
![Mohan Cabinet Formation](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-12-2023/mp-jab-03-prhlaad-patel-7211635_25122023172026_2512f_1703505026_559.jpg)
भारतीय जनता पार्टी छोड़ी: इसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया उलटफेर हुआ था और उमा भारती को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. प्रहलाद पटेल उमा भारती के करीबी माने जाते थे. उमा भारती की सरकार को बहुत कुछ प्रहलाद पटेल ही चला रहे थे, लेकिन इसी दौरान उमा भारती को एक केस के सिलसिले में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. पार्टी में अनुमान के चलते उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी. प्रहलाद पटेल भी उमा भारती के साथ ही भारतीय जनता पार्टी छोड़ चुके थे.
उमा भारती ने भारतीय जनशक्ति पार्टी बनाई, लेकिन इनकी राजनीति ज्यादा नहीं चल पाई फिर प्रहलाद पटेल और उमा भारती में ही आपस में टकराव हुआ और प्रहलाद पटेल ने खुद एक नई पार्टी का गठन किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी से अलग प्रहलाद पटेल ज्यादा दिनों तक राजनीतिक जमीन तैयार नहीं कर पाए.
दोबारा भारतीय जनता पार्टी में: 2010 में उन्होंने दोबारा भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली. शुरुआत में उन्हें बीजेपी ने भारतीय मजदूर संघ और असंगठित क्षेत्र के मजदूर संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. धीरे-धीरे प्रहलाद पटेल की राजनीति दोबारा पटरी पर आ रही थी. 2014 में एक बार फिर लोकसभा के लिए एकदम नए क्षेत्र दमोह से चुनाव मैदान में थे. यहां पर भी उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता और 2019 में भी दोबारा चुनाव मैदान में उतरे. इसमें भी उन्होंने जीत हासिल की.
इस दौरान प्रहलाद पटेल को दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया. पहले उन्हें संस्कृति एवं पर्यटन विभाग का राज्य मंत्री बनने का मौका मिला. इसके बाद में भारतीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में अभी भी मोदी सरकार का हिस्सा हैं.
बाबा श्री बाबा के शिष्य: प्रहलाद पटेल बेहद धार्मिक किस्म के इंसान हैं. वे बाबा श्री बाबा के शिष्य हैं. उन्होंने कई बार पैदल नर्मदा परिक्रमा की है. आज भी वे शुद्ध शाकाहारी बिना लहसुन और प्याज का भोजन करते हैं. जब मौका मिलता है, तब बाबा श्री बाबा के भक्तों के साथ भजन कीर्तन करने निकल जाते हैं.
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2023 का विधानसभा चुनाव: प्रहलाद पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में अभी भी जल शक्ति मंत्री थे. वे उन आठ सांसदों में शामिल थे. जिन्होंने संसद से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. पहलाद पटेल ने नरसिंहपुर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और लखन सिंह पटेल को लगभग 12000 वोटों से हराया था. प्रहलाद पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर केवल नरसिंहपुर ही नहीं बल्कि महाकौशल और बुंदेलखंड में उनके समर्थकों के बीच में खुशी की लहर है.