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मेडिकल छात्र के पिता ने कॉलेज से मांगा 62 लाख का मुआवजा, Corona से हुई थी मौत, खटखटाया High Court का दरवाजा

यह याचिका जबलपुर गुरंदी बाजार में किराना दुकान संचालित करने वाले विजय कुमार चौरसिया (67) की तरफ से दायर की गई है. उनके बेटे विक्रांत (32) को 2014 में एल.एल. मेडिकल कॉलेज भोपाल में एमबीबीएस कोर्स के लिए सीट आवंटित हुई थी. वह एमबीबीएस (MBBS) अंतिम वर्ष का छात्र था.

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Published : Jun 22, 2021, 3:10 AM IST

Updated : Jun 22, 2021, 6:59 AM IST

High Court
हाईकोर्ट

जबलपुर। कोरोना संक्रमण (Corona Virus) से बेटे की मौत के बाद एक शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. कोरोना से जान गवाने वाला मृतक एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में फाइनल ईयर का छात्र था. याचिका में कहा गया है कि जनवरी 2021 में केन्द्र और राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को हेल्थ केयर वर्कर (Health Care Workers) मानते हुए प्रथम चरण में उनका वैक्सीनेशन कराए जाने की निर्देश जारी किए थे, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेज ने बिना वैक्सीनेशन करवाए परीक्षा कराई.

  • Jabalpur High Court ने दिए आदेश

मृतक मेडिकल छात्र के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वी के शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

  • एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र था मृतक

यह याचिका जबलपुर गुरंदी बाजार में किराना दुकान संचालित करने वाले विजय कुमार चौरसिया (67) की तरफ से दायर की गई है. उनके बेटे विक्रांत (32) को 2014 में एल.एल. मेडिकल कॉलेज भोपाल में एमबीबीएस कोर्स के लिए सीट आवंटित हुई थी. वह एमबीबीएस के अंतिम वर्ष का छात्र था.

MP में पहले दिन करीब साढ़े 16 लाख लोगों को लगा टीका, वैक्सीनेशन में भी इंदौर रहा नंबर वन

  • 62 लाख मुआवजे की मांग

याचिका में आगे कहा गया कि बिना वैक्सीनेशन करवाए एलएनसीटी यूनिवर्सिटी (LNCT University Bhopal) ने अंतिम वर्ष सहित द्वितीय और प्रथम वर्ष की सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन करवाया. एक माह के 16 दिनों में इन परीक्षाओं का आयोजन तीन हॉल में करवाया गया. तीनों परीक्षाओं में लगभग 500 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के आयोजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. जिसके कारण उसका बेटे कोरोना संक्रमित हो गया और उपचार के दौरान उसकी 3 मई को मेडिकल अस्तताल जबलपुर में मौत हो गई. उसकी मृत्यु के तीन दिन बाद रिजल्ट घोषित हुआ, जिससे वह उत्तीर्ण हो गया था. याचिका में यह भी कहा गया था कि परीक्षा में शामिल हुए फाइनल ईयर के 32 अन्य छात्र भी कोरोना संक्रमित हुए थे. यााचिका में मेडिकल पढ़ाई में खर्च 32 लाख सहित कुल 62 लाख रूपए मुआवजा और कोरोना संक्रमित अन्य छात्रों को मुआवजा भी देने की मांग की गई है.

जबलपुर। कोरोना संक्रमण (Corona Virus) से बेटे की मौत के बाद एक शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. कोरोना से जान गवाने वाला मृतक एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में फाइनल ईयर का छात्र था. याचिका में कहा गया है कि जनवरी 2021 में केन्द्र और राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को हेल्थ केयर वर्कर (Health Care Workers) मानते हुए प्रथम चरण में उनका वैक्सीनेशन कराए जाने की निर्देश जारी किए थे, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेज ने बिना वैक्सीनेशन करवाए परीक्षा कराई.

  • Jabalpur High Court ने दिए आदेश

मृतक मेडिकल छात्र के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वी के शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

  • एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र था मृतक

यह याचिका जबलपुर गुरंदी बाजार में किराना दुकान संचालित करने वाले विजय कुमार चौरसिया (67) की तरफ से दायर की गई है. उनके बेटे विक्रांत (32) को 2014 में एल.एल. मेडिकल कॉलेज भोपाल में एमबीबीएस कोर्स के लिए सीट आवंटित हुई थी. वह एमबीबीएस के अंतिम वर्ष का छात्र था.

MP में पहले दिन करीब साढ़े 16 लाख लोगों को लगा टीका, वैक्सीनेशन में भी इंदौर रहा नंबर वन

  • 62 लाख मुआवजे की मांग

याचिका में आगे कहा गया कि बिना वैक्सीनेशन करवाए एलएनसीटी यूनिवर्सिटी (LNCT University Bhopal) ने अंतिम वर्ष सहित द्वितीय और प्रथम वर्ष की सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन करवाया. एक माह के 16 दिनों में इन परीक्षाओं का आयोजन तीन हॉल में करवाया गया. तीनों परीक्षाओं में लगभग 500 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के आयोजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. जिसके कारण उसका बेटे कोरोना संक्रमित हो गया और उपचार के दौरान उसकी 3 मई को मेडिकल अस्तताल जबलपुर में मौत हो गई. उसकी मृत्यु के तीन दिन बाद रिजल्ट घोषित हुआ, जिससे वह उत्तीर्ण हो गया था. याचिका में यह भी कहा गया था कि परीक्षा में शामिल हुए फाइनल ईयर के 32 अन्य छात्र भी कोरोना संक्रमित हुए थे. यााचिका में मेडिकल पढ़ाई में खर्च 32 लाख सहित कुल 62 लाख रूपए मुआवजा और कोरोना संक्रमित अन्य छात्रों को मुआवजा भी देने की मांग की गई है.

Last Updated : Jun 22, 2021, 6:59 AM IST
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