जबलपुर। आज से पूरे में देश समेत मध्यप्रदेश में भी कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि जल्द ही इस महामारी से लोगों को छुटकार मिल सकेगा. वैक्सीन लगने से लोगों में खुशी है. लेकिन इस दौरान कुछ लापरवाही भी देखने को मिलीं. जो चिंता का विषय है. कोरोना वैक्सीन सेंटर्स पर कई फ्रंटलाइन वर्कर्स बिना मॉस्क के ही वैक्सीन लगवाने पहुंच गए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया. इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है.
पीएम की अपील
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी टीकारण के दौरान मास्क, दो गज की दूरी और साफ-सफाई रखने की बात कही है. उन्होंने अपील की है कि 'टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें. अब हमें नया प्रण लेना है - दवाई भी, कड़ाई भी.'
इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि प्रदेश को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इन वर्कर्स ने दिन-रात एक कर दिए, लेकिन इसका ये मतलब भी तो नहीं अब तक जो नियम पालन कर रहे थे, उन पर ध्यान ना दिया जाए. क्योंकि कोरोना वैक्सीन भी अभी शत-प्रतिशत वर्क नहीं कर रही है. नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है. इस संबंध में आइए जानते हैं कि डॉक्टर्स क्या कहते हैं..?
वैक्सीन लगने के 45 दिन बाद बूस्ट होगी इम्युनिटी
डॉ राजेश धीरावानी का कहना है कि भले ही आपने वैक्सीन लगवा ली हो पर यह टीका 100% आपको संक्रमण से सुरक्षित कर रहा है, ये कहना सही नहीं है. उन्होंने कहा वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क लगा रखना अनिवार्य है. क्योंकि इसका दूसरा डोज अब 28 दिन बाद लगेगा. इसके बाद भी इम्युनिटी आने में करीब 15 दिन और लगेंगे, ऐसे में करीब 45 दिन बाद ही व्यक्ति के शरीर में इस दवा का असर होगा. उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. इसलिए आप यह कतई न समझें की वैक्सीन लग गई है, तो अपना मास्क चेहरे से अलग कर दिया जाए.
तो 45 दिन के बाद भी मास्क लगाना जरूरी... ?
डॉ राजेश धीरावानी कहते हैं कि अभी जो कोरोना वायरस ने के लिए वैक्सीन आईं हैं, वो शत प्रतिशत सेफ नहीं हैं. इन वैक्सीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता 95 फीसदी ही बताई जा रही है. ऐसे में यह हो सकता है कि वैक्सीन लगने के बाद भी 5% वायरस शरीर में रह जाएं. वायरस की इतना मात्रा भी आप को नुकसान सकती है. उन्होंने कहा कि भले ही वैक्सीन लग गई हो इम्युनिटी पावर आ जाए पर फिर भी मास्क लगा कर रखना सही होगा.
मतलब वैक्सीन के बाद भी संक्रमित हो सकते हैं...?
चूंकि वैक्सीन अभी फुल-प्रूफ नहीं है. बचाव हो सकता है. लेकिन अभी देखा जा रहा है कि कोरोना के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं. यूके इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. आने वाले समय में भारत में भी इस तरह के स्ट्रेन आने की संभावना नकारा नहीं जा सकता. ऐसे स्ट्रेन पर वैक्सीन कितनी असरदायी होगीं ये तो वक्त ही बताएगा. इसके अलावा वैक्सीन की इफेक्टिवनेस 95 पर्सेंट है. यानी शरीर में अब भी 5 फीसदी वायरस बच गया. अगर किसी तरह की लापरवाही बरती जाती है तो 5 फीसदी वायरस भी जानलेवा साबित हो सकता है. फिर से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं.
आखिर ऐसा कब तक चलेगा अब तो वैक्सीन भी लगने लगी...?
डॉ राजेश धीरावानी का कहना है कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म हो जाएगा. ऐसा नहीं है. कोई भी महामारी या वायरस एक झटके में खत्म नहीं होता. इसमें सालों लग जाते हैं. कोरोना संक्रमण के बारे में भी कहा जा रहा है कि कम से कम ये वायरस 2023 तक रहेगा. ये भी हो सकता है कि वायरस का कोई नया स्ट्रेन फिर आ जाए. ऐसे में कोरोना वैक्सीन कितनी कारगर साबित होगीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा. हालात किस तरह की भी हो जाएं सभी को मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है.
सब कुछ कब पहले की तरह हो जाएगा ?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब हर्ड इम्यूनिटी हासिल हो जाएगी, तब आपकी जिंदगी पहले की तरह सामान्य हो सकती है. हर्ड इम्युनिटी हासिल होने के बाद वायरस आसानी से नहीं फैल पाता है. क्योंकि अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुकी होती है या फिर बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके होते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी हासिल करने के लिए 70 फीसदी आबादी में इम्युनिटी विकसित होना जरूरी है. जब ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तो रेस्टोरेंट में खाना, बस या ट्रेन में सफर या पार्टी में जाना कुछ हद तक सुरक्षित होगा. लेकिन इसमें काफी वक्त लगता है. ये लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. उस समय तक हमें हर तरही सावाधानी बरतना जरूरी है.
सीएम शिवराज की भी यही अपील
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण शुरू होने के बाद आमजन से अपील की है कि जब भी टीका लगवाने का क्रम आए, वे टीका लगवाएं और दूसरा डोज भी अवश्य लगवाएं. इसका ध्यान रखना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी को समाप्त करने का यह अभियान है. फेस मास्क का उपयोग नहीं छोड़ना है. आवश्यक सावधानियां बरतना है. हमने कठिन परिस्थितियां देखी हैं. इस अभियान में जनसहयोग प्राप्त होना चाहिए.