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बड़ी खबर:आर्य समाज मंदिरों में फिर से हो सकेंगी शादियां, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर दिया स्टे - मध्यप्रदेश के आर्य समाज मंदिर

आर्य समाज मंदिर में शादी की इच्छा रखने वालों के लिए ये खुशखबरी है. क्योंकि यहां शादी करना अब फिर से आसान हो गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इस प्रकार आर्य समाज मंदिरों को मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार फिर से मिल गया है. (Marriages again in Arya Samaj temples) (Supreme Court stay of High Court order)

Marriages again in Arya Samaj temples
आर्य समाज मंदिरों में फिर से हो सकेंगी शादियां
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Published : Apr 6, 2022, 12:58 PM IST

जबलपुर/भोपाल। आर्य समाज मंदिरों में अब फिर से शहनाइयां गूंजने लगेंगी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों में स्पेशल मैरिज एक्ट लागू होगा. इस एक्ट के तहत शादी से पहले उसकी सूचना प्रकाशित करने, वर-वधू से जुड़े लोगों को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अवसर देने और कम से कम 5 लोगों को शादी में गवाह के रूप में मौजूद रखने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब शादी से पहले नोटिस देकर आपत्ति मंगाने वाला आदेश फिलहाल अमान्य हो गया है. हाई कोर्ट ने यह आदेश ऐसे जोड़े की याचिका को सुनते हुए दिया था, जिसने आर्य समाज रीति से विवाह का दावा किया था. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सक्षम अधिकारी ही आर्य समाज मंदिर में हुए विवाह का सर्टिफिकेट जारी कर सकता है.

मध्यप्रदेश में आर्य समाज मंदिरों की संख्या 273 : गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने 17 दिसंबर 2021 को एकल पीठ के 9 दिसंबर 2020 के उस आदेश को सही ठहराया था, जिसमें शादी का प्रमाणपत्र सिर्फ कानून में अधिकृत सक्षम अथारिटी ही जारी कर सकती है. इसको लेकर मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दो दिन पहले न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और ऋषिकेश राय की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही नोटिस जारी किया है. अब मध्यप्रदेश के 273 से अधिक आर्य समाज मंदिरों में पहले की तरह शादियां हो सकेंगी. प्रतिनिधि सभा की ओर से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान, ऋषि तिवारी और वंशिका तिवारी ने पैरवी की.

सुप्रीम कोर्ट में ये रखीं दलीलें : हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा नाम की संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. संस्था की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दलीलें रखीं. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश सीधे-सीधे विधायिका के अधिकार क्षेत्र में दखल है. कानून बनाना विधायिका का काम है. आर्य समाज की शादियों में हिंदू मैरिज एक्ट लागू होता है. जब दूल्हा और दुल्हन अलग अलग धार्मिक समुदाय से हों, तभी स्पेशल मैरिज एक्ट लागू करने की ज़रूरत होनी चाहिए. लेकिन हाई कोर्ट ने 2 हिंदू वयस्कों की शादी में भी इसे लागू करने का आदेश दे दिया है.

ये भी पढ़ें : MP में किसानों के लिए 1 दर्जन से ज्यादा योजनाओं पर बड़ा सवाल,शिवराज के आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में क्यों घटी किसानों की आय

हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान लागू होते रहेंगे : वरिष्ठ वकील की बातें सुनने के बाद जस्टिस के एम जोसफ और ऋषिकेश रॉय की बेंच ने मामले में नोटिस जारी कर दिया. जजों ने हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी. कोर्ट के आदेश के बाद आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों में फिलहाल हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान लागू होते रहेंगे. कोर्ट विस्तृत सुनवाई के बाद तय करेगा कि हाई कोर्ट का आदेश सही था या नहीं. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर पूरे देश में होने वाली आर्य समाज शादियों पर पड़ सकता है. (एजेंसियां)

(Marriages again in Arya Samaj temples) ( Supreme Court stay of High Court order)

जबलपुर/भोपाल। आर्य समाज मंदिरों में अब फिर से शहनाइयां गूंजने लगेंगी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों में स्पेशल मैरिज एक्ट लागू होगा. इस एक्ट के तहत शादी से पहले उसकी सूचना प्रकाशित करने, वर-वधू से जुड़े लोगों को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अवसर देने और कम से कम 5 लोगों को शादी में गवाह के रूप में मौजूद रखने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब शादी से पहले नोटिस देकर आपत्ति मंगाने वाला आदेश फिलहाल अमान्य हो गया है. हाई कोर्ट ने यह आदेश ऐसे जोड़े की याचिका को सुनते हुए दिया था, जिसने आर्य समाज रीति से विवाह का दावा किया था. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सक्षम अधिकारी ही आर्य समाज मंदिर में हुए विवाह का सर्टिफिकेट जारी कर सकता है.

मध्यप्रदेश में आर्य समाज मंदिरों की संख्या 273 : गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने 17 दिसंबर 2021 को एकल पीठ के 9 दिसंबर 2020 के उस आदेश को सही ठहराया था, जिसमें शादी का प्रमाणपत्र सिर्फ कानून में अधिकृत सक्षम अथारिटी ही जारी कर सकती है. इसको लेकर मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दो दिन पहले न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और ऋषिकेश राय की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही नोटिस जारी किया है. अब मध्यप्रदेश के 273 से अधिक आर्य समाज मंदिरों में पहले की तरह शादियां हो सकेंगी. प्रतिनिधि सभा की ओर से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान, ऋषि तिवारी और वंशिका तिवारी ने पैरवी की.

सुप्रीम कोर्ट में ये रखीं दलीलें : हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा नाम की संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. संस्था की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दलीलें रखीं. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश सीधे-सीधे विधायिका के अधिकार क्षेत्र में दखल है. कानून बनाना विधायिका का काम है. आर्य समाज की शादियों में हिंदू मैरिज एक्ट लागू होता है. जब दूल्हा और दुल्हन अलग अलग धार्मिक समुदाय से हों, तभी स्पेशल मैरिज एक्ट लागू करने की ज़रूरत होनी चाहिए. लेकिन हाई कोर्ट ने 2 हिंदू वयस्कों की शादी में भी इसे लागू करने का आदेश दे दिया है.

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हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान लागू होते रहेंगे : वरिष्ठ वकील की बातें सुनने के बाद जस्टिस के एम जोसफ और ऋषिकेश रॉय की बेंच ने मामले में नोटिस जारी कर दिया. जजों ने हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी. कोर्ट के आदेश के बाद आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों में फिलहाल हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान लागू होते रहेंगे. कोर्ट विस्तृत सुनवाई के बाद तय करेगा कि हाई कोर्ट का आदेश सही था या नहीं. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर पूरे देश में होने वाली आर्य समाज शादियों पर पड़ सकता है. (एजेंसियां)

(Marriages again in Arya Samaj temples) ( Supreme Court stay of High Court order)

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