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कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार! 1 साल में हुई 16 हजार शादियां, 12 हजार केस परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे

कोरोना का काला साया हमारी जिंदगी ही नहीं, रिश्तों पर भी पड़ रहा है. बीते एक साल में जबलपुर में 16 हजार जोड़े विवाह बंधन में बंधे, लेकिन इनमें से 12 हजार मामलों में विवाद इतना बढ़ा कि वो परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच गए. (effect of corona on marriage)

effect of corona on marriage
कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार
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Published : Jan 29, 2022, 9:54 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 10:46 PM IST

जबलपुर। कहते हैं हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं, कोरोना काल ने भी कुछ ऐसे ही तस्वीर दिखाई है. एक ओर जहां वर्षों पुराने रिश्ते और मजबूत हुए तो वही कोरोना काल के दौरान रिश्तों में बंधे नए जोड़ों का बंधन अब टूटने की कगार पर हैं. केवल जबलपुर की बात करें तो सामने आए आंकड़े सामाजिक तौर पर एक चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं. जहां 2021 में 16 हज़ार शादियां हुईं, जिनमें से 12 हज़ार मामले परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचे.

कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

चंद महीनों में टूट रहा सात जन्मों का बंधन
कहते हैं रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं, और ये सात जन्मों का बंधन है. लेकिन बदलते वक्त के साथ ये बंधन इतना कमजोर पड़ रहा है कि सात जन्म क्या, चंद महीनों में रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जा रहे हैं. जबलपुर के महिला थाना में परिवार परामर्श केंद्र में पहले जहां इक्का-दुक्का मामले ही पहुंचते थे, वहीं इन दिनों रोजाना औसत में 40 से 50 मामले पहुंच रहे हैं. जिनमें पति-पत्नी एक दूसरे से दूर होने के लिए परेशान दिखें. कोई किसी की भावनाओं को नहीं समझ रहा, मामूली बातों पर घर टूट रहे हैं.

'समझदारी बढ़ी लेकिन जिम्मेदारी से भाग रहे'
परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी अंशुमान शुक्ला बताते हैं कि 1 साल के भीतर परिवार परामर्श केंद्र में जो आंकड़े पहुंचे, वह सामाजिक चिंतन की ओर इशारा करते हैं. आंकड़ों में बीते 1 साल में 16000 शादियां जिले में दर्ज की गई और 12000 मुकदमें परिवार परामर्श केंद्र आ गए. रोजाना पति-पत्नी या रिश्तेदारों के झगड़े संबंधी 40 से ज्यादा शिकायतें आ जाती हैं. अंशुमान शुक्ला का मानना हैं कि लोग समझदार तो हो गए हैं, लेकिन दांपत्य जीवन की जिम्मेदारियों को नहीं समझ पा रहे है.

effect of corona on marriage
कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

कोरोना काल में बढ़े झगड़े
महिला थाना की प्रभारी शबाना परवेज़ का कहना है कि पति-पत्नी दोनों में सहनशीलता पहले से कम हो गई है. छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट रहे हैं, चाहे लव मैरिज हो या अरेंज. वहीं कोरोना काल में पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़े हैं, ऊपर से आर्थिक तंगी जैसे कई कारणों से आज रिश्ते दम तोड़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो आज की नई पीढ़ी भले ही पढ़-लिख गई हो लेकिन रिश्तो को निभाने की वह समझदारी उनमें नहीं बची है और यही वजह है कि शादी के पहले सात-सात घंटों तक फोन पर बातचीत करने वाले प्रेमी जोड़े अब 7 सेकंड भी एक-दूसरे की शक्ल नहीं देखना चाहते है.

effect of corona on marriage
कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

आखिर क्यों टूट रहे रिश्ते?
रिश्ते भले ही स्वर्ग में बनते हो लेकिन जमीन पर उसे बनाए रखने की जिम्मेदारी पति-पत्नी पर होती है. एक ओर इस रफ्तार से रिश्तों में दरार आ रही है, वो हमारे सामाजिक संरचना पर सवालिया निशान लगा रहा है, वहीं एक्सपर्ट्स इसकी कई वजह मानते हैं. जिसमें दंपती में सहनशीलता कम होने को बड़ी वजह माना गया है. वहीं मोबाइल फोन के कारण भी शादियां टूट रही हैं. फोन के कारण आपसी दूरियां बढ़ीं हैं. इसके अलावे रिश्तेदारों का अधिक हस्तक्षेप होने से भी रिश्तों में खटास आई है.

(marriages broke due to corona) (effect of corona on marriage)

जबलपुर। कहते हैं हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं, कोरोना काल ने भी कुछ ऐसे ही तस्वीर दिखाई है. एक ओर जहां वर्षों पुराने रिश्ते और मजबूत हुए तो वही कोरोना काल के दौरान रिश्तों में बंधे नए जोड़ों का बंधन अब टूटने की कगार पर हैं. केवल जबलपुर की बात करें तो सामने आए आंकड़े सामाजिक तौर पर एक चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं. जहां 2021 में 16 हज़ार शादियां हुईं, जिनमें से 12 हज़ार मामले परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचे.

कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

चंद महीनों में टूट रहा सात जन्मों का बंधन
कहते हैं रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं, और ये सात जन्मों का बंधन है. लेकिन बदलते वक्त के साथ ये बंधन इतना कमजोर पड़ रहा है कि सात जन्म क्या, चंद महीनों में रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जा रहे हैं. जबलपुर के महिला थाना में परिवार परामर्श केंद्र में पहले जहां इक्का-दुक्का मामले ही पहुंचते थे, वहीं इन दिनों रोजाना औसत में 40 से 50 मामले पहुंच रहे हैं. जिनमें पति-पत्नी एक दूसरे से दूर होने के लिए परेशान दिखें. कोई किसी की भावनाओं को नहीं समझ रहा, मामूली बातों पर घर टूट रहे हैं.

'समझदारी बढ़ी लेकिन जिम्मेदारी से भाग रहे'
परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी अंशुमान शुक्ला बताते हैं कि 1 साल के भीतर परिवार परामर्श केंद्र में जो आंकड़े पहुंचे, वह सामाजिक चिंतन की ओर इशारा करते हैं. आंकड़ों में बीते 1 साल में 16000 शादियां जिले में दर्ज की गई और 12000 मुकदमें परिवार परामर्श केंद्र आ गए. रोजाना पति-पत्नी या रिश्तेदारों के झगड़े संबंधी 40 से ज्यादा शिकायतें आ जाती हैं. अंशुमान शुक्ला का मानना हैं कि लोग समझदार तो हो गए हैं, लेकिन दांपत्य जीवन की जिम्मेदारियों को नहीं समझ पा रहे है.

effect of corona on marriage
कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

कोरोना काल में बढ़े झगड़े
महिला थाना की प्रभारी शबाना परवेज़ का कहना है कि पति-पत्नी दोनों में सहनशीलता पहले से कम हो गई है. छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट रहे हैं, चाहे लव मैरिज हो या अरेंज. वहीं कोरोना काल में पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़े हैं, ऊपर से आर्थिक तंगी जैसे कई कारणों से आज रिश्ते दम तोड़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो आज की नई पीढ़ी भले ही पढ़-लिख गई हो लेकिन रिश्तो को निभाने की वह समझदारी उनमें नहीं बची है और यही वजह है कि शादी के पहले सात-सात घंटों तक फोन पर बातचीत करने वाले प्रेमी जोड़े अब 7 सेकंड भी एक-दूसरे की शक्ल नहीं देखना चाहते है.

effect of corona on marriage
कोरोना का प्रहार-रिश्तों में आई दरार

आखिर क्यों टूट रहे रिश्ते?
रिश्ते भले ही स्वर्ग में बनते हो लेकिन जमीन पर उसे बनाए रखने की जिम्मेदारी पति-पत्नी पर होती है. एक ओर इस रफ्तार से रिश्तों में दरार आ रही है, वो हमारे सामाजिक संरचना पर सवालिया निशान लगा रहा है, वहीं एक्सपर्ट्स इसकी कई वजह मानते हैं. जिसमें दंपती में सहनशीलता कम होने को बड़ी वजह माना गया है. वहीं मोबाइल फोन के कारण भी शादियां टूट रही हैं. फोन के कारण आपसी दूरियां बढ़ीं हैं. इसके अलावे रिश्तेदारों का अधिक हस्तक्षेप होने से भी रिश्तों में खटास आई है.

(marriages broke due to corona) (effect of corona on marriage)

Last Updated : Jan 29, 2022, 10:46 PM IST
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