जबलपुर। भगवान श्री राम के वनवास के दौरान वे भारत में जहां-जहां से गुजरे उन जगहों के आधार पर एक सांस्कृतिक संस्था ने एक नक्शा तैयार किया है. इस नक्शे में जबलपुर की राम पिपरिया और नर्मदा नदी के रामघाट का भी जिक्र है. इस नक्शे और स्थानीय लोगों की मान्यताओं के अनुसार भगवान राम यहां आए थे. मध्य प्रदेश सरकार भी राम वन गमन पथ योजना के तहत जिन जगहों पर भगवान राम आए थे, उन जगहों को धार्मिक रूप से विकसित करने की तैयारी कर रहा है. जबलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राम पिपरिया के विकास को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा है.
नक्शा किया तैयार
श्री राम संस्कृतिक शोध संस्थान न्यास नाम की संस्था ने अपने शोध पत्र में एक नक्शा तैयार किया है. जिसमें भगवान राम के वन गमन के मार्ग का रास्ता खोजा है और इसमें राम भगवान के वनवास से जुड़ी हुई जगह को चिन्हित किया गया है. इसी न्यास के शोधकर्ता राम अवतार ने एक नक्शा भी बनाया है. इस नक्शे में उन जगहों के भी नाम लिखे हैं. जहां भगवान राम का जाना हुआ. इसी नक्शे के आधार पर जबलपुर के राम पिपरिया के बारे में लोगों को जानकारी मिली.
रामघाट...जहां आए थे भगवान राम
जबलपुर के शाहपुरा तहसील की रामघाट में राम पिपरिया नाम का गांव है. यह जबलपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है. यह गांव नर्मदा के किनारे बसा हुआ है. यहां नर्मदा के किनारे को भी रामघाट के नाम से जाना जाता है. नर्मदा नदी का यह बेहद खूबसूरत तट हरियाली से भरा हुआ है. इस पूरे इलाके में अच्छी प्राकृतिक सुंदरता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने जन्म से ही इस जगह के नाम को रामघाट के रूप से ही जाना है. लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज ऐसा बताते आए हैं कि इस जगह पर भगवान राम आए थे. लोगों ने हमें बताया कि नर्मदा के दूसरे किनारे पर एक कुंड भी है. जिसे राम कुंड के नाम से जाना जाता है.
यहां एक पीपल के पेड़ के नीचे भगवान राम का मंदिर भी बनाया गया है. हालांकि यह मंदिर ज्यादा पुराना नहीं है, लेकिन यहां रह रहे एक साधु ने बताया कि भगवान जब दंडकारण्य में प्रवेश कर रहे थे, तो उन्होंने यही से नर्मदा पार करके दंडकारण्य का रुख किया था. यह भगवान राम के वनवास के दौरान की कहानी है. स्थानीय लोगों ने हमेशा ही यहां बाबा बैरागियों का डेरा पाया. इसीलिए यहां पर मंदिर के साथ आश्रम भी बना हुआ है. इस आश्रम में नर्मदा परिक्रमा करने वाले परिक्रमा वासी रुकते हैं.
इस स्थान को राम पथ वन गमन से जोड़ने का प्रस्ताव
इस इलाके स्थानीय युवा धीरज पटेल ने बताया कि बीते दिनों जबलपुर के कलेक्टर और दूसरे अधिकारी यहां आए थे. उन्होंने इस जगह को राम पथ में जोड़ने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है. यदि इस प्रस्ताव को पास कर दिया जाता है, तो जबलपुर का यह दूर दराज रामघाट लोगों की श्रद्धा का एकदम नया केंद्र बनेगा. यहां पर धार्मिक गतिविधियां बढ़ जाएगी. हालांकि उसके लिए इस जगह को तैयार करना होगा, क्योंकि यहां पर नर्मदा का किनारा एकदम सीधा है. यदि अभी यहां लोग आते हैं तो दुर्घटना होने की भी संभावना है.
मध्य प्रदेश सरकार ने राम वन गमन पथ के नाम से एक योजना शुरू की थी. इसमें भगवान राम जहां से गुजरे उन सभी क्षेत्र को एक सर्किट के जरिए जोड़ना था, ताकि लोग भगवान राम के वन गमन से जुड़ी हुई जानकारियां ले सके. इन सभी स्थानों पर धार्मिक दृष्टिकोण से विकास किया जाना है. यदि जबलपुर का रामघाट इस सर्किट से जुड़ जाता है, तो यह जबलपुर के इस दूर दराज पिछड़े इलाके के लिए बड़ी सौगात होगा. भगवान राम की वजह से इस पूरे इलाके में लोगों को विकास का अनुभव होगा.